“हम भी भारतीय हैं, हमें इंसाफ चाहिए…” देहरादून में मारी गई एंजेल चकमा के पिता की सिसकियाँ सुन नम हुई सबकी आँखें
त्रिपुरा के 24 वर्षीय MBA छात्र एंजेल चकमा की देहरादून में हुई हत्या को लेकर पूरे देशभर में विरोध हो रहा है. हत्या को लेकर सियासत भी गरमा गई है. इस बीच कमा के पिता तरुण प्रसाद चकमा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि पूर्वोत्तर के लोग भी भारतीय हैं और उनके साथ समान व्यवहार होना चाहिए जैसा कि अन्य राज्यों के लोगों के साथ होता है.
तरुण प्रसाद ने सरकार से समान व्यवहार सुनिश्चित करने का आग्रह किया. उन्होंने देश के अन्य हिस्सों में पढ़ाई या काम करने वाले इस क्षेत्र के बच्चों की बेहतर सुरक्षा की मांग की. सोमवार (29 दिसंबर) को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा ‘पूर्वोत्तर के हमारे बच्चे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे विभिन्न स्थानों पर काम करने या पढ़ाई करने जाते हैं, उनके साथ इतना भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए’.
‘हम सब भी भारतीय हैं…’
तरुण प्रसाद बीएसएफ जवान हैं. उन्होंने कहा ‘हम सब भी भारतीय हैं. मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि सभी के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित किया जाए’. उन्होंने बताया कि देर रात उनके छोटे बेटे ने उन्हें फोन करके हमले की सूचना दी और जिसके बाद वो तुरंत देहरादून के लिए रवाना हो गए.
‘किसी और के साथ ऐसा न हो’
उन्होंने आगे कहा कि मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चे के साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ हो. उन्होंने कहा कि मुझे रात में अपने छोटे बेटे का फोन आया, जिसने मुझे हमले के बारे में बताया. मैंने छुट्टी ली और देहरादून के लिए रवाना हो गया. उन्होंने कहा कि मैंने अपने बच्चे को गंभीर हालत में देखा, उसकी पीठ में दो बार चाकू लगने से उसका बायां हाथ और पैर लकवाग्रस्त हो गए थे. उसके सिर से खून बह रहा था.
सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुई घटना
पिता के अनुसार, पुलिस द्वारा देखे गए सीसीटीवी फुटेज में तीन व्यक्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर उनके छोटे बेटे के पास आते, उसे कुछ अपशब्द कहते और फिर उस पर हमला करते हुए दिखाई दिए. उन्होंने बताया कि जब एंजेल चकमा ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो उसे पीठ में चाकू मारा गया, लात मारी गई और उसकी गर्दन पर गंभीर चोटें आईं.
उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस को घटना की सूचना दी और उन्होंने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की. फुटेज में दिखा कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोग मेरे छोटे बेटे के पास आए, उससे थोड़ी देर बात की और फिर अपशब्द कहने लगे.उन्होंने पहले उसके सिर पर हमला किया, और जब मेरा बड़ा बेटा उसे बचाने आया, तो उन्होंने उसकी पीठ में चाकू मार दिया. फिर उन्होंने उसे लात मारी और उसकी गर्दन तोड़ दी. अंत में उनके दो दोस्तों ने उन्हें बचाया. मेरे बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पुलिस पर पिता का आरोप
तरुण प्रसाद ने आरोप लगाया कि शिकायत दर्ज कराने की कोशिश में परिवार को शुरू में विरोध का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि वे एफआईआर दर्ज कराना चाहते थे, लेकिन उन्हें यह कहकर मना कर दिया गया कि यह मामूली मामला है. उन्होंने कहा किजब हम वहां गए तभी उन्होंने आखिरकार मामला दर्ज किया.
क्या है मामला
दरअसल 9 दिसंबर को देहरादून में एमबीए के छात्र अंजेल चकमा पर बदमाशों के एक समूह ने चाकू और अन्य धारदार चीजों से हमला किया. बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई. इस घटना के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें से दो आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें किशोर सुधार गृह भेज दिया गया है. पुलिस फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, जिस पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित किया गया है. उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, फरार आरोपी की तलाश में एक पुलिस दल को नेपाल भी भेजा गया है.
सीएम धामी ने पीड़ित परिवार से की बात
सोमवार (29 दिसंबर) सुबह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने त्रिपुरा के छात्र अंजेल चकमा के परिवार से बात की और संवेदना व्यक्त की. उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. धामी ने अंजेल के पिता तरुण प्रसाद चकमा से बात की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा किया. उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है. हम सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.धामी ने समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में हम आपके साथ हैं। हम हर संभव मदद करेंगे.
राहुल गांधी ने घटना को बताया भयावह
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने त्रिपुरा के छात्र की देहरादून में हत्या को भयावह घृणा अपराध करार दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि हमें एक ऐसा मृत समाज नहीं बनना चाहिए जो देशवासियों को निशाना बनाए जाने पर आंखें मूंद ले. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस तरह की घटनाएं उस नफरत का नतीजा हैं, जो रोजाना युवाओं के बीच परोसी जा रही है.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा ‘देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह एक भयानक घृणा अपराध है. नफरत रातोंरात पैदा नहीं होती. इसे रोजाना, विशेष रूप से हमारे युवाओं को, जहरीली सामग्री और गैर-जिम्मेदाराना विमर्श के माध्यम से परोसा जा रहा है तथा और सत्तारूढ़ भाजपा के नफरत फैलाने वाले नेतृत्व द्वारा इसे सामान्य बना दिया गया है’.
