पेसा नियमावली को लेकर पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा का बयान, वक्त आने पर ही पता चलेगा फैसले में कितनी है पारदर्शिता
धनबाद: पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने पेसा नियमावली को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अभी इस पर ज्यादा कुछ कहा नहीं जा सकता है. धनबाद सर्किट हाउस में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद मीडिया से बात की.
स्वीकृत नियमों में असल में पेसा की आत्मा है या नहीं?
पेसा एक्ट का जिक्र करते हुए वरिष्ठ बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा ने राज्य सरकार द्वारा हाल ही में दी गई स्वीकृति पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कैबिनेट से स्वीकृत नियमों में असल में पेसा की आत्मा है या नहीं? यह स्पष्ट होना अभी बाकी है. जब तक ये नियम सार्वजनिक ना हो और आम लोगों द्वारा देखे ना जा सके, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है.
पूर्व सीएम ने याद दिलाते हुए कहा कि बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए मैंने कैसे पेसा के तहत झारखंड में चुनाव कराए और स्थानीय प्रतिनिधियों को संवैधानिक मंच प्रदान किया. अर्जुन मुंडा ने बताया कि पेसा न केवल परंपराओं के संरक्षण की बात करता है बल्कि यह ग्रामीण व्यवस्थाओं के लिए सामाजिक एवं संवैधानिक दृष्टिकोण को भी मजबूत करता है.
नियमों के घोषित होने पर ही पता चलेगी सच्चाई: अर्जुन मुंडा
राज्य सरकार की ओर से पेसा नियम को स्वीकृति देने की बात पर उन्होंने कहा कि यह कदम सराहनीय है लेकिन इस फैसले में कितनी पारदर्शिता और क्या उद्देश्य है, यह नियमों के घोषित होने पर ही पता चलेगा. उनका कहना था कि नियम बनाना जरूरी है लेकिन जमीन पर उनका क्रियान्वयन उनकी आत्मा में झलकना चाहिए.
