नक्सलियों की तरह फेक नामों का इस्तेमाल कर रहे आपराधिक गिरोह! पलामू पुलिस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पलामूः आपराधिक गिरोह नक्सलियों की तरह धमकी देने या रंगदारी मांगने के लिए फेक नामों का इस्तेमाल कर रहा है. अपराधी सोशल मीडिया से नए लड़कों को जोड़ते है उन्हें एक फेक नाम देते हैं. आपराधिक गिरोह से जुड़ने के बाद फेक नाम का इस्तेमाल होता है.
साल 2025 में पलामू पुलिस ने आपराधिक घटनाओं से जुड़े हुए कई मुकदमों का अनुसंधान किया है. अनुसंधान के क्रम में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आपराधिक गिरोह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा और लड़कों को अपने साथ जोड़ रहा है. गिरोह से जुड़ने वाले लड़के कम उम्र के हैं. आपराधिक गिरोह नए सदस्य और कम उम्र के लड़कों से ही फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं.
केस स्टडी- 01
पलामू में जून जुलाई के महीने में कई माइंस कारोबारी से रंगदारी की मांग की गई थी. सभी रंगदारी सुजीत सिंह गिरोह के द्वारा दीपक सिंह के नाम से मांगी गई थी. पुलिस ने पूरे मामले में कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक युवक को गिरफ्तार किया था जो खुद को दीपक सिंह बताकर रंगदारी की मांग कर रहा था. रंगदारी मांगने के लिए फेक नाम का इस्तेमाल किया गया था.
केस स्टडी- 02
पलामू में 2025 के शुरुआती महीनों में नेशनल हाईवे कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला किया गया था. एक मजदूर को भी गोली मारी गई थी. हमलावरों ने खुद को राहुल सिंह एवं राहुल दुबे बताया था. पलामू पुलिस ने पूरे मामले में अनुसंधान करते हुए अलग-अलग इलाकों में छापेमारी करते हुए आधा दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया. सभी ने हमलों के लिए फेक नाम का इस्तेमाल किया था.
केस स्टडी- 03
दिसंबर महीने में पलामू के एक सोना कारोबारी से प्रिंस खान के द्वारा एक करोड़ रुपए की रंगदारी की मांग की गई थी. चतरा में एक पत्थर कारोबारी से प्रिंस खान ने रंगदारी की मांग की, उसे संबंधित न्यूज सोशल मीडिया में चल रही थी. सोशल मीडिया से मिलने वाले नंबर पर पलामू के अपराधियों ने प्रिंस खान से संपर्क किया था, जिसके बाद रंगदारी की मांग की गई थी. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
नक्सलियों की तरह फेक नाम का इस्तेमाल
आपराधिक गिरोह नक्सलियों की तरह ही फेक नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उनकी वास्तविक पहचान छुपी रहे. नक्सली संगठन रंगदारी मांगने या फरमान जारी करने के लिए कमांडर की पहचान छुपाते हुए फेक नाम से काल या मैसेज करते हैं. आपराधिक गिरोह से जुड़ने वाले सदस्य भी फेक नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि उनकी वास्तविक पहचान छुपी रह सके. पलामू के इलाके में कई पुराने आपराधिक गिरोह अब सक्रिय नहीं है.
ऐसा देखा गया था कि दीपक सिंह के नाम से स्टोन माइंस, ईंट भट्ठा समेत कई लोगों से रंगदारी की मांग की गई थी. इन घटनाओं में सुजीत सिंह गिरोह के नाम पर दीपक सिंह के नाम का इस्तेमाल हुआ था. कार्रवाई के दौरान पलामू गढ़वा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की लड़के भी पकड़े गए थे. 2025 में पुलिस ने कई अपराधी गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें पुलिस को सफलता भी मिली. नेशनल हाईवे कंस्ट्रक्शन साइट पर हमला करने वाले आरोपियों को भी पकड़ा गया है. आपराधिक ग्रुप सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और साथ ही साथ फेक नाम का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. अपराधी गिरोह नए लड़कों को जोड़ने की कोशिश भी कर रहा है. -रीष्मा रमेशन, एसपी, पलामू.
पलामू में 1159 अपराधी हुए गिरफ्तार, 56 देसी कट्टा बरामद
पलामू में पिछले एक वर्ष के दौरान 1159 अपराधी गिरफ्तार हुए है. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने 56 देसी कट्टा के साथ-साथ कई आधुनिक हथियार भी बरामद किया है. अपराधियों के पास से 88 लाख कैश भी बरामद किया गया है. पलामू पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ कई बड़ी सफलता भी हासिल किया है सुजीत सिन्हा, राहुल दुबे एवं राहुल सिंह गिरोह से जुड़े हुए कई अपराधी पकड़े गए हैं.
