किरीट सोमैया का बड़ा दावा: “मुस्लिम प्रजनन दर हिंदुओं से दोगुनी”, NFHS रिपोर्ट का हवाला देकर बढ़ाई सियासी तपिश
बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि मुस्लिम कपल हिंदुओ से दोगुनी रफ्तार से बच्चे पैदा कर रहे हैं. उन्होंने National Family Health Surve NFHS की जनसंख्या रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर हिंदू आबादी की तुलना में दोगुना तेजी से बढ़ रही है. नेता के इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा तेज हो गई है.
दरअसल बीजेपी नेता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने मुस्लिम आबादी का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि विभिन्न जनसंख्या अध्ययनों और रिपोर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र के शहरी इलाकों में औसत प्रजनन दर लगभग 1.4 है. उन्होंने मुंबई की प्रजनन दर को लेकर कहा कि मुंबई में हिंदू परिवारों की प्रजनन दर 1.3 से कम बताई जा रही है. इसका अर्थ यह लगाया जा रहा है कि 10 हिंदू दंपती (20 लोग) मिलकर औसतन लगभग 13 बच्चों को जन्म देते हैं. वहीं मुंबई में मुस्लिम परिवारों की प्रजनन दर लगभग 3 बताई जा रही है.
‘मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर हिंदूओं से दोगुनी’
इसके आगे किरीट सोमैया ने कहा कि 10 मुस्लिम दंपती (20 लोग) मिलकर 26 या उससे अधिक बच्चों को जन्म देते हैं. इन आंकड़ों के आधार पर यह कहा जा रहा है कि मुंबई में मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर हिंदू समुदाय की तुलना में करीब दोगुनी है. यानी मुस्लिम कपल ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं.
‘बांग्लादेशी प्रवासन की भी भूमिका’
यही नहीं बीजेपी नेता ने यह दावा भी किया कि मुंबई में जनसंख्या परिवर्तन केवल प्राकृतिक प्रजनन वृद्धि के कारण नहीं हो रहा है, बल्कि इसमें बांग्लादेशी प्रवासन की भी भूमिका बताई जा रही है. नेता के अनुसार, यह प्रवासन प्राकृतिक जनसंख्या वृद्धि के अतिरिक्त है.
इधर जनसंख्या विशेषज्ञों और समाजशास्त्रियों का कहना है कि प्रजनन दर पर शिक्षा, शहरीकरण, आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य सुविधाएं और महिला सशक्तिकरण जैसे कई सामाजिक-आर्थिक कारकों का प्रभाव होता है. इनका कहना है कि किसी भी समुदाय या शहर को लेकर निष्कर्ष निकालते समय आधिकारिक जनगणना, NFHS जैसी सर्वे रिपोर्ट्स और सत्यापित अध्ययनों के आधार पर ही आकलन किया जाना चाहिए.
