बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर की सड़कों पर उमड़ा हुजूम, मोहम्मद यूनुस से नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग
इंदौर: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ जारी व्यापक हिंसा और भीषण अत्याचार को लेकर देशभर में विरोध जताया जा रहा है. इसी तरह इंदौर में भी शनिवार को जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया और बांग्लादेश के राष्ट्रपति से नोबेल शांति पुरस्कार वापस लेने की मांग की. विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने काले कपड़े पहने थे. इस प्रदर्शन में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र व पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए, उन्होंने दीपू चंद्र दास के साथ हुए अत्याचार का विरोध जताया.
इंदौर में बांग्लादेश हिंसा का विरोध
इंदौर में पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई. जिसमें लोगों ने बांग्लादेशी घुसपैठ रोकने के साथ इंदौर से एक-एक बांग्लादेशी को निकालकर बाहर करने का संकल्प लिया. इस दौरान आकाश विजयवर्गीय ने कहा “इसके लिए यदि हमें एक-एक घर में जाकर आईडी चेक करना पड़ी, तो वह भी करेंगे.” जन आक्रोश रैली में बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर शहर में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतर कर आक्रोश व्यक्त किया. रैली में बड़ा गणपति से लेकर राजबाड़ा तक काले कपड़े पहने हजारों लोगों का हुजूम नजर आया. सभी के हाथों में अनगिनत भगवा व तिरंगे ध्वज के साथ तख्तियां, बैनर लेकर रैली में शामिल हुए.
‘यूनुस खान से नोबेल पुरस्काल लेना चाहिए वापस’
वहीं कई युवा बांग्लादेश की युनूस सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. रैली को संबोधित करते हुए आकाश विजयवर्गीय ने कहा “हमारा रैली के माध्यम से यह आक्रोश पड़ोसी देश बांग्लादेश के खिलाफ है, क्योंकि बांग्लादेश ने हिंदूओं पर अत्याचार कर बर्बरता की सारी हदें पार कर दी है. उन्होंने कहा मोहम्मद यूनुस को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है. इस रैली के माध्यम से स्वीडन की नोबेल कमेटी के साथ संपूर्ण विश्व से अपील करते हैं कि उनसे नोबेल पुरस्कार वापस लेना चाहिए.
कांग्रेस पर साधा निशाना
इस दौरान आकाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा फिलिस्तीन का समर्थन करने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संसद में फिलिस्तीन की तस्वीरों वाली टीशर्ट और झोला लेकर गए थे और फिलीस्तीन की आवाज को उठाया था, लेकिन राहुल-प्रियंका से लेकर एक भी कांग्रेसी बांग्लादेश के पीड़ित हिंदूओं को लेकर सड़कों पर नहीं आया.”
संतों ने भी जताया विरोध
वहीं संत पवनदासजी महाराज ने कहा कि “बांगलादेश में हिंदूओं पर जो अत्याचार हो रहा है, वह निंदनीय है. इस तरह से वह हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहा है. हमारा देश बांग्लादेश को कुचलने में सक्षम है. यदि बांग्लादेश वापस भारत का हिस्सा बन जाए तो कश्मीर की तरह बांग्लादेश की समस्या भी हमेशा के लिए हल हो जाएगी.” इसके अलावा राधे-राधे महाराज ने कहा कि “हिंदूओं को अपने ऊपर हो रहे अत्याचार से निपटने के लिए जागृत होना होगा. देश में घुसे बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालकर बाहर करना होगा.”
