धामी सरकार को बड़ा झटका! राज्यपाल ने क्यों लौटाया UCC बिल? जानें क्या हैं इसके पीछे के संवैधानिक कारण और अब आगे के विकल्प

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) बिल पर उत्तराखंड की धामी सरकार को झटका लगा है. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह ने UCC और धर्म की स्वतंत्रता और गैर-कानूनी धर्मांतरण निषेध अधिनियम से संबंधित संशोधन बिल वापस लौटा दिए हैं. उन्होंने तकनीकी खामियों का हवाला दिया है. एक अधिकारी ने कहा, ग्रामर और तकनीकी खामियों के अलावा राज्यपाल ने नए कानूनों में कुछ अपराधों के लिए सजा की अवधि पर भी सवाल उठाए हैं.

उन्होंने आगे कहा, अब बिल गवर्नर के ऑफिस से वापस आ गए हैं, इसलिए उन्हें फिर से बनाना होगा. बताई गई गलतियों को हटाया जाएगा और दूसरी तकनीकी कमियों को भी ठीक किया जाएगा. अधिकारी ने कहा, सरकार के पास दो विकल्प होंगे, या तो अध्यादेश लाकर संशोधनों को पास कराए या उन्हें फिर से विधानसभा में पास करवाकर राज्यपाल की मंज़ूरी के लिए भेज दे.

धामी सरकार के लिए झटका

धार्मिक धर्मांतरण और UCC बिल दोनों ही भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली पुष्कर सिंह धामी सरकार द्वारा लाए गए सबसे महत्वाकांक्षी बिल में से थे. कांग्रेस ने इनका विरोध किया था. उसने इसे अल्पसंख्यक समुदाय पर हमला बताया था. UCC जनवरी 2024 में पास हुआ था और सरकार ने इस साल अगस्त में विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान विधेयक में एक संशोधन किया.

बिल में क्या-क्या?

कई बदलावों में सरकार ने उन लोगों के लिए सजा बढ़ाकर सात साल तक कर दी, जो शादीशुदा होने के बावजूद लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं. जो लोग जबरदस्ती, दबाव या धोखे से रिलेशनशिप में आते हैं, उनके लिए भी ऐसी ही सज़ा का प्रस्ताव दिया गया.

विधेयक में एक नई धारा 390-A को भी जोड़ा गया है. रजिस्ट्रार जनरल को सेक्शन 12 के तहत शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप या विरासत से जुड़े रजिस्ट्रेशन रद्द करने की शक्तियां दीं.

हालांकि राज्य में 2018 में पहले से ही धर्मांतरण विरोधी कानून लागू था, लेकिन सरकार ने 2022 में और फिर 2025 में इसमें संशोधन किया. इस बार जबरन धर्मांतरण के दोषी पाए जाने वाले लोगों के लिए तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की जेल की सजा का प्रस्ताव रखा गया. पहले जबरन धर्मांतरण के लिए अधिकतम जेल की सज़ा 10 साल थी.

कांग्रेस का सरकार पर निशाना

राज्य सरकार ने दावा किया है कि राज्यपाल के ऑफिस ने मामूली गलतियों की वजह से बिल वापस कर दिए, लेकिन कांग्रेस ने इस कदम को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुद्दों को ज़िंदा रखने की एक चाल बताया है.

उत्तराखंड कांग्रेस के नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा, अगर ये सिर्फ़ छोटी-मोटी कमियां होतीं तो गवर्नर का ऑफिस उन्हें अनौपचारिक रूप से सुधार के लिए वापस भेज सकता था. उन्हें मैसेज के साथ वापस भेजना यह पक्का करने के लिए काफ़ी है कि या तो वह कानूनों से पूरी तरह नाखुश हैं या यह सरकार की सिर्फ़ एक चाल है ताकि बिलों को वापस बुलाया जा सके और 2027 की शुरुआत में होने वाले चुनावों के आसपास उन्हें एक बार फिर असेंबली में पास कराया जा सके, क्योंकि बीजेपी पहले ही चुनाव जीतने के लिए अपनी सभी चालें चल चुकी है और अब उनके पास कुछ भी नया नहीं बचा है.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानों में ठिठुरन! कश्मीर से हिमाचल तक जमने लगी वादियां, सैलानियों की बढ़ी धड़कनें     |     “मेरा धर्म मानवता है और मेरी आत्मा धर्मनिरपेक्ष,” ममता बनर्जी ने विपक्ष को दिया दो-टूक जवाब     |     328 श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लापता सरूपों पर सीएम मान सख्त, कहा– दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा जाँच के लिए गठित की SIT     |     MEA का पाकिस्तान को आईना: “जिसका खुद का दामन दागदार, वो भारत को न सिखाए अल्पसंख्यकों का सम्मान”     |     अरावली पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा ‘यू-टर्न’! क्यों बदलना पड़ा अपना ही फैसला? जानें पर्यावरण पर क्या होगा असर     |     “हम भी भारतीय हैं, हमें इंसाफ चाहिए…” देहरादून में मारी गई एंजेल चकमा के पिता की सिसकियाँ सुन नम हुई सबकी आँखें     |     “ब्राह्मण ही समाज का असली पथप्रदर्शक…” UP में ‘महाभोज’ के बाद BJP विधायक का बड़ा बयान, सियासत गरमाई     |     “धुले में नहीं चलेगी बीजेपी की मनमानी!” शिंदे सेना का कड़ा रुख, निकाय चुनावों में हार के बाद गहराया विवाद     |     चतरा में खूनी संघर्ष: वर्चस्व को लेकर भिड़े प्रतिबंधित संगठनों के दस्ते, आपसी गोलीबारी में दो की मौत     |     “उत्तराखंड में नस्लभेद का नंगा नाच!” त्रिपुरा के छात्र की हत्या पर केजरीवाल का बड़ा हमला, सरकार को बताया ‘विफल’     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें