पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा लेने के बाद नवजोत सिद्धू ने मौन व्रत रख लिया है। सिद्धू किसी से कोई बात नहीं कर रहे। उन्होंने सभी लोगों से दूरी बना ली है। वहीं बुधवार को ट्वीट के जरिए उन्होंने पंजाब के नए CM भगवंत मान को जरूर बधाई दी। सिद्धू ने कहा कि भगवंत मान ने नया एंटी माफिया युग की शुरूआत की है। उनसे लोगों को बहुत उम्मीदें हैं।सिद्धू पहले पूरी तरह से सक्रिय थे। जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनकी जगह चरणजीत चन्नी को 2022 का सीएम चेहरा बना दिया तो वह अपने विधानसभा क्षेत्र तक सीमित हो गए। सिद्धू ने इतने बगावती तेवर दिखाए कि प्रियंका गांधी का मौजूदगी में रैली में बोलने तक से इंकार कर दिया।
नवजोत सिद्धू ने कांग्रेस में सिर्फ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को तरजीह दी। यही वजह है कि अब हाईकमान के आगे उनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है। नवजोत सिद्धू की CM चरणजीत चन्नी की सरकार के खिलाफ बयानबाजी को चुनावी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने गंभीरता से लिया। जिस वजह से कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा ले लिया। हालांकि सिद्धू ने इस्तीफे में सिर्फ यही लिखा कि सोनिया के मांगने पर वह इसे दे रहे हैं। सिद्धू ने बतौर पार्टी होने के नाते जिम्मेदारी नहीं ली। नवजोत सिद्धू के राजनीतिक करियर पर संकट पैदा हो गया है। सिद्धू के पास अब कांग्रेस छोड़ आगे के लिए कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा। वह भाजपा में रहकर आ चुके हैं। अकाली दल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ उन्होंने जमकर बयानबाजी की। नवजोत सिद्धू ने जिंदगी में पहली बार इस चुनाव में राजनीतिक हार झेली।