भोपाल । मध्य प्रदेश में जैसे जैसे 2023 विधानसभा का चुनावी साल नजदीक आ रहा है। पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप – प्रत्यारोप और जुबानी जंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। खासतौर पर इन दिनों राजनीति में ट्विटर वार चरम पर है। इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा ट्विटर पर की जा रही सरकार बनने पर घोषणाएं चर्चा का विषय बन रही है। इस बार प्रदेश के आदिवासियों को साधने के लिए कमलनाथ की ओर से गुरुवार को किया गया ट्वीट राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय बन गया है। आपको बता दें कि कमलनाथ द्वारा आज किए गए ट्वीट में सरकार पर आदिवासी दिवस बंद करने का आरोप लगाते हुए ऐलान किया गया है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर आदिवासी दिवस पर छुट्टी बहाल करने की भी बात कही गई है। कमलनाथ ने लिखा कि सरकार द्वारा विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश बंद कर दिया गया है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हम आदिवासी समुदाय को हर्षोल्लास से विश्व आदिवासी दिवस मनाने के लिए आदिवासी दिवस पर पूर्ण अवकाश बहाल करेंगे। कमलनाथ के इस ऐलान पर शिवराज सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर विश्वास सारंग ने बड़ा पलटवार किया है। मंत्री सारंग ने कहा कि 15 महीने कमलनाथ का कार्यकाल था। उस दौरान भ्रष्टाचार के सारी हदें पार कर दी थीं उन्होंने अपने पुराने वादे तो पूरे किए नहीं। किस मुंह से ये अब नए ऐलान करने आए हैं। इतनी सफाई से वो झूठ बोल रहे हैं वो पता हैं। उन्होंने किस किसान का कर्जा माफ किया था। राहुल गांधी ने कुर्ते की बांहें उठाकर कहा था कि किसान का दो लाख का कर्जा माफ करें। एक भी किसान का कर्जा माफ नहीं हुआ ना बेरोजग़ारी भत्ता मिला। बीजेपी के सारी जनहित की योजनाओं को बंद कर दिया चाहे लाडली लक्ष्मी हो और कन्यादान योजना हो।
कांग्रेस ने भी किया सारंग पर पलटवार
वहीं दूसरी तरफ विश्वास सारंग के रिएक्शन पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को धोखा देकर गिराया था। कमलनाथ सरकार की सारी अच्छी योजनाओं को बीजेपी ने बंद कर दिया। बीजेपी ने जनता के साथ धोखा किया है। जो हमारे चुनावी वादे थे उन्हें पूरा करना हमारा धर्म है। 23 में सरकार हम निश्चित तौर पर बनाकर इन सबको पूरा कर रहे हैं।
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