देश की राजधानी दिल्ली स्थित एम्स पर रेनसमवेयर अटैक के कुछ दिनों बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की वेबसाइट को भी हैक करने का प्रयास किया गया, 30 नवंबर को देश के शीर्ष चिकित्सा निकाय की वेबसाइट पर हैकिंग के 6,000 प्रयास किए गए, आईपी एड्रेस, एक ‘यूनिक एड्रेस’ जो इंटरनेट पर एक डिवाइस की पहचान करता है, हांगकांग स्थित एक ब्लैक लिस्टेड IP से ट्रेस किया गया था, दिल्ली एम्स का सर्वर 23 नवंबर की सुबह 06:45 मिनट पर हैक किया गया था, सबसे पहले इमरजेंसी लैब के कंप्यूटर सेंटर में यह बात पकड़ में आई, इसके बाद धीरे-धीरे अस्पताल के पूरे कंप्यूटराइज्ड सिस्टम का सर्वर ही रैनसमवेयर अटैक के जरिये हैकर्स ने अपने कब्जे में कर लिया, इसके बाद से सर्वर की सफाई कर उसे हैकर्स के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश की जा रही है, एकतरफ दिल्ली पुलिस इस हैकिंग की जांच कर रही है तो दूसरी तरफ, इंडिया कंप्यूटर इमरजेंसी टीम के एक्सपर्ट्स ऑनलाइन तरीके से हैकर्स से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, एम्स में प्रति साल 38 लाख मरीज इलाज करवाते हैं, इस साइबर अटैक से मरीजों की डाटा चोरी होने की आशंका है। एम्स साइबर अटैक मामले में 2 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है, ये दोनों सिस्टम एनालिस्ट हैं, दोनों को पहले कारण बताओ नोटिस दिया गया था, जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर एम्स प्रशासन ने दोनों को सस्पेंड कर दिया है, इस बीच एम्स के 50 में से 30 सर्वर में एंटी वायरस डालकर स्कैन किया जा चुका है।