नई दिल्ली| बंगाल की खाड़ी में भारतीय नौसेना और सिंगापुर की नौसेना द्वारा समुद्री अभ्यास किया जा रहा है। इसके लिए सिंगापुर गणराज्य नौसेना के दो पोत आरएसएस स्टालवार्ट (फॉमेर्डेबल श्रेणी का एक युद्धपोत) और आरएसएस विजिलेंस (विक्ट्री श्रेणी की एक नौका) अभ्यास में भाग लेने के लिए 25 अक्टूबर को ही भारत के विशाखापत्तनम पहुंच गए थे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नौसेना, विशाखापत्तनम में 30 अक्टूबर, तक सिंगापुर-भारत द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास (सिम्बेक्स) के 29वें संस्करण की मेजबानी कर रही है।
सिम्बेक्स-2022 दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। पहले चरण में विशाखापत्तनम में बंदरगाह पर तटीय अभ्यास 26 से 27 अक्टूबर 2022 तक आयोजित किया गया। इसके बाद 28 से 30 अक्टूबर 2022 तक बंगाल की खाड़ी में समुद्री चरण का अभ्यास किया जा रहा है।
सिंगापुर गणराज्य नौसेना के दोनों पोत आरएसएस स्टालवार्ट और आरएसएस विजिलेंस अभ्यास में भाग लेने के लिए विशाखापत्तनम में हैं। सिंगापुर गणराज्य नौसेना के फ्लीट कमांडर रियर एडमिरल सीन वाट जियानवेन ने 25 अक्टूबर 2022 को पूर्वी नौसेना कमान के कमांडिंग-इन-चीफ, फ्लैग ऑफिसर वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता और पूर्वी बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल संजय भल्ला से मुलाकात की। बैठक के दौरान साझा हित के कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बंदरगाह चरण के अभ्यास में दोनों नौसेनाओं के बीच व्यापक स्तर पर पेशेवर तथा नौसैन्य गतिविधियों से संबंधी सहभागिता की गई। इस दौरान क्रॉस डेक विजि़ट, सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट एक्सचेंज (एसएमईई) और बैठक की कार्य योजना बनाने जैसे कार्य किये गए हैं।
अभ्यास की सिम्बेक्स श्रृंखला वर्ष 1994 में शुरू हुई थी। प्रारंभ में इसे एक्सरसाइज लायन किंग के नाम में जाना जाता था। पिछले दो दशकों में इस नौसैनिक अभ्यास का दायरा और व्यापकता काफी हद तक बढ़ चुके हैं। इसमें नौसैन्य संचालन के व्यापक स्पेक्ट्रम को कवर करने वाले उन्नत समुद्री नौसैनिक अभ्यास भी शामिल हैं। यह अभ्यास समुद्री इलाके में भारत और सिंगापुर के बीच उच्च स्तर के सहयोग का एक उदाहरण है। यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में दोनों देशों की प्रतिबद्धता तथा योगदान को भी विस्तार देता है।
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