करनाल: CM सिटी करनाल में सफाई कर्मचारियों पिछले चार दिन से हड़ताल जारी रही। नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा स्टेट कमेटी के आवाहन पर 19 अक्टूबर से प्रदेश भर के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू की थी। यह हड़ताल आज चौथे दिन में प्रवेश कर गई। सेक्टर 12 में सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए है। सफाई कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से शहर में कूड़े का ढेर लग गया है। कचरों के ढेर से निकलती बदबू के कारण लोग नाक पर रुमाल डाल चलने को मजबूर हैं। दिन प्रतिदिन कचरा बढ़ता ही जा रहा है और सफाई कर्मी अपनी मांगों के पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहने का आह्वान कर चुके हैं। ऐसे में अगर हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो एक दो दिनों में स्थिति और गंभीर हो जाएगी।शहर में लगे गंदगी के ढेर।वहीं अगर हड़ताल कल के बाद भी जारी रही तो इस बार इस दीपावली पर लोगों को अपने घरों व प्रतिष्ठानों के साथ-साथ अपने आसपास भी सफाई खुद ही रखनी पड़ेगी। दीपावली का पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, शहर में सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है। वहीं मेन बाजारों में चौपहिया वाहनों पर कोई रोक-टोक नहीं होने के कारण दिनभर रूक-रूक कर जाम की स्थिति बन रही है जिससे खरीदारी करने के लिए आने वाले लोग काफी परेशान हैं।कचरा उठान न होने पर लोगों ने आग लगानी की शुरूबातदे कि शहर से रोजाना 1.60 क्विंटल कचरा उठान किया जाता है। 19 अक्टूबर से कर्मचारी हड़ताल पर है। शहर भर में करीब 242 डंपिंग प्वांइट बनाए गए है। यानी शहर की हर मुख्य सड़क पर दो से तीन डपिंग प्वाइंट है। सभी जगह कुडे के ढेर लगने शुरू हो गए। अब जब कचरा उठान नहीं हो रहा तो लोगों ने लोगों ने कचरे में आग लगानी शुरू कर दी है। जिससे प्रदूषण फैल रहा है। वहीं लोग अपने घरों का कचरा बोरो में डालकर खुद ही डंपिंग प्वाइंट पर डाल रहे है।घर से बोरे मे भरकर कचरा लेकर डंपिंग प्वाइंट पर जाते लोग।आगे बढ़ सकती है हड़तालराज्य के उप-प्रधान वीरभान बिडलान ने बताया कि आज कर्मचारियों के धरने पर राज्य प्रधान पहुंचे है अगर आज और कल में उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल में परिवर्तित करने पर मजबूर होंगे।शहर में लगे कचरे के ढेर।ये है मुख्य मांगेवीरभान बिडलान ने कहा उनकी मुख्य मांगे गरीब सफाई कर्मचारी एवं प्रदेश की पालिकाओं, परिषद, नगर निगमों व अग्निशमन विभाग मैं कार्यरत सफाई कर्मचारियों सहित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को हकरन से बाहर करे व ठेका प्रथा समाप्त कर सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करे। समान काम समान वेतन दिया जाए पक्की भर्ती की जाए। अनुग्रह पूर्वक रोजगार योजना में बदलाव कर नियमित कर्मचारी की जॉइनिंग के बाद तथा सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले मौत होने पर मृतक कर्मचारी के आश्रित को नौकरी देना। कच्चे कर्मचारियों को भी एस- ग्रेशिया पॉलिसी में शामिल करे, कोविड-19 मौत मरे कर्मचारियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि एवं नियमित नौकरी देना। 4 हजार रुपए जोखिम भत्ता देने पालिकाओ परिषदों नगर निगमों अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को 100-100 वर्ग गज के प्लाट दिए जाएं या आवासीय कॉलोनियों का निर्माण कर आसान किस्तों पर मकान दिए जांए।
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