पिछले शुक्रवार को जमशेदपुर में खुद पर केरोसीन छिड़क कर आग लगाने वाली दलित छात्रा की गुरुवार को टाटा मेन हॉस्पिटल के ‘बर्न केयर यूनिट’ में मौत हो गई. ऋतु का पिछले पांच दिनों से यहां इलाज चल रहा था, ऋतु के स्वास्थ्य में कोई ख़ास सुधार नहीं हो रहा था और उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी, पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद एडीएम ने कहा कि इस मामले में टाटा मेन हॉस्पिटल ने बहुत प्रयास किया लेकिन गुरुवार रात 8 बजकर 50 मिनट पर ऋतु ने अंतिम सांसें लीं. शरीर अधिक जलने के कारण उनकी नस डेमेज हो चुकी थीं, जमशेदपुर स्थित सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के छायानगर की रहने ऋतु मुखी शारदामणि गर्ल्स हाईस्कूल में नवीं कक्षा की छात्रा थीं। 14 अक्तूबर को स्कूल में परीक्षा के दौरान शिक्षिका चंद्रा दास को संदेह हुआ कि छात्रा नकल कर रही हैं, शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने पहले डांटा फिर मारा उसके बाद कक्षा के बीच भरी क्लास में उसके कपड़े उतरवाए, इसके बाद खुद को अपमानित महसूस कर छात्रा ने शाम के समय घर पहुंचते ही शरीर पर केरोसीन छिड़ककर आग लगा ली, एडीएम नंदकिशोर लाल के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद परिवार को और सहायता की जाएगी. साथ ही ऋतु के भाई को कहीं न कहीं नौकरी के लिए इंगेज किया जाएगा, जबकि ऋतु मुखी का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर विभाकर कुमार ने कहा कि ऋतु के निचले हिस्से व पीठ का कुछ हिस्सा छोड़ कर अधिकांश शरीर जल गया था। ऋतु की मौत पर उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि वह आइसीयू में थीं, उनको सत्तर प्रतिशत से अधिक बर्न इंजुरी थी, यहां बहुत ही अच्छे से इलाज किया जा रहा था लेकिन कल देर रात से उसकी हालत तेज़ी से बिगड़ रही थी. तब उसको वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया ताकि पल्स रेट, हार्ट बीट व प्रेशर कंट्रोल रहे. हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका, बीते शनिवार को जमशेदपुर पुलिस ने आरोपी शिक्षिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि स्कूल प्रबंधन ने प्रिंसिपल समेत शिक्षिका को स्कूल से निलंबित कर दिया गया ।