बैतूल: जिले के सुदूर ग्रामीण आदिवासी अचलों में डायरेक्ट सेलिंग के नाम से शिक्षित बेरोजगारों से ठगी की जा रही है। उन्हें गुमराह कर बड़े-बड़े सपने दिखाकर लुटा जा रहा है। आदिवासी अंचलों के शिक्षित बेरोजगारों को कथित कंपनियों के एजेंटों द्वारा भोपाल बुलाया जा रहा है और वहां से उनसे काम कराया जा रहा। भोले भाले आदिवासी युवा महज 30 से 40 हजार के लिए इन कंपनियों के जाल में फंसते जा रहे हैं।आरोप है कि मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी एवं मनी रोटेशन के नाम पर एजेंट भोले भाले बेरोजगार आदिवासी युवाओं को बरगला रहे हैं। बैतूल जिले में मनी रोटेशन एवं मल्टी लेवल मार्केटिंग को अलग तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है, प्रलोभन दिया जा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण छात्र-छात्राएं ठगी का शिकार हो रहें है। अपनी राशि निकालने के लिए वह अन्य विद्यार्थियों का पैसा लगवा रहे हैं।समाजसेवी राजेश सरियाम ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में मल्टी लेवल मार्केटिंग का कोर्स कराया जाता हैं जिसके कारण छात्र-छात्राएं अपना व्यवसाय चुन सकते हैं। यह कोर्स छात्र के भविष्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस कोर्स के माध्यम से वह अपना रोजगार कर सकते हैं, लेकिन आदिवासी अंचलों में मल्टी लेवल मार्केटिंग को ठगी का एक जरिया बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में पहले भी कुछ बच्चें गलत नीतियों के कारण जेल की हवा खा चुके हैं।कार्रवाई के लिए एसपी से किया आग्रहराजेश सरियाम ने एसपी को इस मामले में ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया कि मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनी एवं सोशल मीडिया पर चल रहे मनीरोटेशन प्लान की उच्च स्तरीय जांच की जाए। क्षेत्र में जिनके द्वारा प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है उन्हें नजदीकी पुलिस स्टेशन में जानकारी देने निर्देशित किया जाए ताकि शिक्षित बेरोजगार युवा ठगी से बच सके। कुछ कंपनियों के द्वारा छात्रों का ब्रेनवास किया जा रहा हैं। उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए जा रहे हैं जिसके कारण वह कम्पनी में 30 से 40 हजार रूपये तक की राशि कम्पनी में जमा करते हैं एवं अपनी राशि निकालने के लिए दूसरे बच्चों को इस व्यवसाय में लगा देते है।
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