धनकुबेरों की राजधानी! न्यूयॉर्क में क्यों है इतने करोड़पति? जानें इसका इतिहास, जो कभी कहलाता था न्यू एम्सटर्डम

अमेरिका में न्यूयॉर्क शहर के मेयर का चुनाव भारत में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. कारण हैं न्यूयॉर्क में भारतीयों की अच्छी-खासी संख्या और भारतवंशी जोहरान ममदानी. इस बार न्यूयॉर्क के मेयर पद का चुनाव भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने जीतकर इतिहास रच दिया है. वह न्यूयॉर्क के पहले मुस्लिम और पहले दक्षिण एशियाई मेयर बन गए हैं. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि कभी न्यू एम्सटर्डम कहलाने वाला शहर आखिर न्यूयॉर्क कैसे बन गया? यह शहर कैसे बसा और कैसे धनकुबेरों का गढ़ बन गया।

न्यूयॉर्क के नए मेयर जोहरान ममदानी चुने गए हैं जो जानी-मानी फिल्म निर्माता-निर्देशक मीरा नायर के बेटे हैं. उनकी जीत की चर्चा अमेरिका से लेकर भारत तक हो रही है. वह उस शहर के मेयर बने हैं, जिस पर कभी डच और बाद में अंग्रेजों ने राज किया था. आइए जान लेते हैं इसकी पूरी कहानी.

डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी खोज

यह उस दौर की बात है, जब दुनिया भर में साम्राज्यवाद का दबदबा था. 17वीं शताब्दी में यूरोपीय शक्तियां अपने साम्राज्य का लगातार विस्तार कर रही थीं. ये शक्तियां उत्तरी अमेरिका के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को अपने साम्राज्य का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रही थीं. इनमें डच भी शामिल थे, जो ज्यादा से ज्यादा मसालों और संसाधनों की खोज में थे, जिससे इनसे समृद्ध इलाके के अपना बनाकर इन संसाधनों का दोहन कर सकें.

प्रिंस मौरिस ऑफ नसाऊ (Prince Maurice of Nassau) के अधीन काम कर रही डच ईस्ट इंडिया कंपनी का हेनरी हडसन भी एक नाव पर सवार होकर ऐसे संसाधनों की खोज में था. शताब्दी की शुरुआत में वह चलते-चलते डच मैनहट्टन आईलैंड पर पहुंच गया. वहां उसे मसाले आदि तो नहीं मिले पर व्यापार के लिए रणनीतिक स्थल मिल गया. चूंकि नीदरलैंड की डच ईस्ट इंडिया कंपनी के पास एशिया में व्यापार का अधिकार था. इसलिए इस स्थल को डच वेस्ट इंडिया कंपनी को सौंप दिया गया, जिसके पास अमेरिका और अफ्रीका आदि में व्यापार का अधिकार था.

एम्सटर्डम किले के पास बसा शहर न्यू एम्सटर्डम

साल 1621 में डच वेस्ट इंडिया कंपनी ने उत्तरी अमेरिका में व्यापार का प्रबंधन शुरू कर दिया था. उसे हडसन नदी के मुहाने का क्षेत्र अपना रणनीतिक आउटपोस्ट बनाने के लिए उचित लगा, जहां से व्यापार को स्थापित करना और क्षेत्र की सुरक्षा करना आसान था. इसके लिए वहां डच लोगों ने साल 1624 में एक किले की स्थापना की, जिसे एम्सटर्डम नाम दिया गया. साल 1626 में डच लोगों ने मूल अमेरिकियों से मैनहट्टन को खरीद लिया. इसी एम्सटर्डम किले के आस-पास के क्षेत्र में समय के साथ बस्ती विकसित होती गई, जिसे न्यू एम्सटर्डम कहा गया. साल 1653 में इस बस्ती के लिए नीदरलैंड से म्यूनिसिपल अधिकार भी मिल गए और यह एक साम्राज्यवादी शहर के रूप में विकसित होता गया. चर्च, किलेनुमा दीवारें, घर और विंडमिल स्थापित किए गए.

अंग्रेजों ने दिया न्यूयॉर्क नाम

हालांकि, अधिक समय तक न्यू एम्सटर्डम पर डच लोगों का कब्जा नहीं रहा. यह साल 1664 की बात है, शांति के बावजूद अंग्रेजों के कुछ युद्धपोत न्यू एम्सटर्डम के बंदरगाह में घुस गए और उस वक्त विस्तृत न्यू नीदरलैंड प्रॉविंस का हिस्सा बन चुके इस शहर के सरेंडर की मांग कर दी. इसी के साथ दूसरा एंग्लो-डच युद्ध भी शुरू हो गया. हालांकि, इसमें डच लोगों की हार हुई और साल 1665 में अंग्रेजों ने इसका नाम अपने यहां के ड्यूक ऑफ आर्क के नाम पर न्यूयॉर्क रख दिया. साल 1673 में तीसरे एंग्लो-डच वार के दौरान डच लोगों ने एक बार फिर इसे अपने अधीन कर लिया और इसका नाम न्यू ऑरेंज रखा. साल 1674 में हुई वेस्टमिंस्टर की संधि के तहत यह शहर अंग्रेजों को वापस मिल गया और डच के अधीन सूरीनाम आया. अंग्रेजों ने फिर से इसे न्यूयॉर्क नाम दिया.

अमेरिका का सबसे अधिक आबादी वाला शहर

वर्तमान में न्यूयॉर्क शहर अमेरिका की सबसे अधिक आबादी वाला शहर है. वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू के अनुसार, सितंबर 2024 तक इसकी आबादी 8,097,282 थी. यहां केवल ब्रूकलिन की जनसंख्या इतनी है कि यह अकेले अमेरिका का चौथा सबसे बड़ा शहर बन सकता है. न्यूयॉर्क दुनिया का ऐसा सबसे बड़ा शहर भी है, जहां के कुल निवासियों में से ज्यादातर लोगों का जन्म किसी और देश में हुआ है.

दुनिया में सबसे ज्यादा अमीरों वाला शहर

न्यूयॉर्क शहर वैसे तो कई मामलों में खास है. यह ऐसा शहर है, जहां दुनिया के किसी भी शहर के मुकाबले सबसे ज्यादा अमीर रहते हैं. कम से कम 340,000 मिलिनेयर यहां पर निवास करते हैं. यानी न्यूयॉर्क का 24 में से हर एक व्यक्ति मिलिनेयर है. इस मामले में न्यूयॉर्क के बाद जापान का टोकयो शहर हैं, जहां 290,300 मिलिनेयर रहते हैं. इसके बाद अमेरिका के ही द बे एरिया में 285,000, यूके के लंदन में 258,000 और सिंगापुर में 240,100 मिलिनेयर रहते हैं. इसके अलावा न्यूयॉर्क में 818 अल्ट्रा रिच और 66 अरबपति भी निवास करते हैं.

इसलिए बना धनकुबेरों का गढ़

दरअसल, न्यूयॉर्क में स्थित फाइनेंस, फैशन, रियल एस्टेट और मीडिया जैसे कई सेक्टर बेहद मजबूत हैं. इसके अलावा तकनीक, व्यापार के साथ ही वैश्विक कनेक्टिविटी के लिहाज से भी यह शहर अमीरों को अपनी ओर आकर्षित करता है. बेहर जीवनशैली, सुरक्षित माहौल और टैक्स में छूट के चलते यहां पर अमीर रहना पसंद करते हैं. इन सब मामलों में न्यूयॉर्क अव्वल है. इसीलिए यह अमेरिका ही नहीं, दुनिया भर के धनकुबेरों का गढ़ बन चुका है.

अब एक भारतवंशी करेगा शासन

दुनिया भर के धनकुबेरों वाले इसी न्यूयॉर्क शहर की कमान अब एक भारतवंशी जोहरान ममदानी के हाथों में पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने न्यूयॉर्क के मेयर का चुनाव जीत लिया है. अगले साल जनवरी में उनकी ताजपोशी होगी. इसके बाद न्यूयॉर्क के किस्मत का फैसला ममदानी के हाथों में होगा. वह यहां की अर्थव्यवस्था से लेकर शिक्षा और सुरक्षा व्यवस्था तक की नीतियां तय करेंगे.

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Pradesh Samna
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