एक तरफ युद्धविराम पर बनी सहमति… दूसरी ओर अफगानिस्तान के मंत्री ने पाक को दी ‘भारी कीमत चुकाने’ की खुली चेतावनी
अफगानिस्तान-पाकिसतान के बीच कई हफ्तों तक चले तनाव के बाद सीजफायर हो गया है. इसी बीच अब अफगानिस्तान के इस्लामाबाद स्थित राजदूत अहमद शकीब ने पाकिस्तान में रह रहे अफगान शरणार्थियों की बिगड़ती हालत को लेकर चेतावनी दी है. शकीब ने पाकिस्तानी सरकार से अपील की कि वो तुरंत सभी सीमा पार क्रॉसिंग— तोरखम, चमन, बोलदक, अंगूर अड्डा और गुलाम खान — फिर से खोल दे.
सरदार अहमद शकीब के अनुसार, हालिया अशांति के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ अपने सभी सीमा पार क्रॉसिंग बंद कर दिए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, परिवहन और नागरिकों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है. उन्होंने कहा, खासकर पंजाब से आए शरणार्थियों के काफिले जामरूदतोरखम सड़क पर 400 से ज्यादा बड़े ट्रकों में फंसे हुए हैं और उन्हें गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
हिरासत में 10 हजार शरणार्थी
दूतावास के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 10 हजार अफगान शरणार्थियों को हिरासत में लिया गया है और उन्हें डिटेंशन सेंटरों में भेजा गया है. इसके अलावा, हजारों शरणार्थी गिरफ्तारी के डर से अपने सामान पैक कर चुके हैं, लेकिन बंद सीमा पार क्रॉसिंग के कारण बाहर नहीं जा पा रहे हैं.
शकीब ने पाकिस्तानी सरकार से आग्रह किया कि वो तुरंत सभी सीमा पार क्रॉसिंग— तोरखम, चमन, बोलदक, अंगूर अड्डा और गुलाम खान — खोल दे.
फंसे हुए हैं अफगान शरणार्थी
अलीरेजा करीमी, एक प्रवासी अधिकार कार्यकर्ता, ने कहा, ये कदम मानवीय सिद्धांतों और अफगान शरणार्थियों के प्रति अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के उलट हैं और व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों को जन्म दे सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहिए और पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों की गरिमा का समर्थन करना चाहिए.
इसी बीच, पाकिस्तान में कुछ अफगान शरणार्थियों ने अधिकारियों की ओर से किए जा रहे दुर्व्यवहार की भी निंदा की है. अफगानी पत्रकार जाहिर बहंद ने कहा: अफगान शरणार्थी फिलहाल अपने घरों में फंसे हुए हैं और बाहर जाकर खाना भी नहीं खरीद सकते. कुछ को तो पाकिस्तानी पुलिस के आदेश पर उनके घरों से बेदखल भी किया गया है.
कब खुलेगी क्रॉसिंग?
इस बीच जनरल डायरेक्टरेट ऑफ बॉर्डर फोर्सेज के प्रवक्ता अबीदुल्लाह फारूकी ने कहा कि तोरखम क्रॉसिंग (शनिवार) को लौट रहे अफगान शरणार्थियों के लिए फिर से खोला जाएगा.
फारूकी ने बताया कि यह क्रॉसिंग सिर्फ उन अफगान परिवारों के लिए खोली जाएगी जो अपने देश लौटने का इरादा रखते हैं. हालांकि, सीमा के दोनों ओर वाणिज्यिक गतिविधियां और पैदल यातायात तब तक निलंबित रहेंगे जब तक आगे सूचना नहीं दी जाती.
फिलहाल पाकिस्तान जिन अफगान परिवारों को निर्वासित करने का इरादा रखता है, उन्हें खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के जामरूद में एक अस्थायी शिविर में रखा गया है. तोरखम क्रॉसिंग हाल ही में इस्लामिक अमीरात और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष के बाद से बंद है.
PAK ने अफगान से क्या अपील की?
युद्धविराम के बाद पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, ने कहा कि वो अफगानिस्तान के साथ दुश्मनी बढ़ाने का इच्छुक नहीं है, लेकिन उम्मीद करता है कि दक्षिण एशियाई देश के तालिबान शासक अपनी सुरक्षा चिंताओं को संबोधित करेंगे और अफगान धरती से ऑपरेट करने वाले आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.