JDU vs RJD: बाजपट्टी की जंग जहां JDU को मिली थी हार, क्या इस बार RJD को हराकर पिछली हार का बदला लेगी पार्टी? बिहार By Nayan Datt On Oct 15, 2025 बिहार में विधानसभा चुनाव प्रचार तारीखों के ऐलान से बहुत पहले ही शुरू हो गया था. यात्राओं और रैलियों का दौर लगातार जारी है. अभी यहां पर पहले दौर की वोटिंग के लिए नामांकन भरने का दौर चल रहा है. बिहार में 2 चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं. सीतामढ़ी जिले में दूसरे चरण के तहत 11 नवंबर को चुनाव कराए जाएंगे. एनडीए और महागठबंधन के बीच ही कड़ा मुकाबला है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम की मौजूदगी ने चुनाव को रोमांचक बना दिया है. सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी विधानसभा सीट पर भी कड़े संघर्ष के आसार हैं. यहां पर राष्ट्रीय जनता दल का कब्जा है. यह भी पढ़ें BJP ने चला ‘लोकप्रियता’ का दांव: बिहार चुनाव के… Oct 15, 2025 बिहार की ‘स्वर कोकिला’ ने राजनीति को क्यों… Oct 15, 2025 चुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर बिहार में जमकर सियासत हुई. राष्ट्रीय जनता दल की अगुवाई वाले महागठबंधन और सत्तारुढ़ एनडीए में भी सीटों को लेकर अंत तक तनातनी बनी रही. आज बुधवार जनता दल यूनाइटेड ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी. बाजपट्टी सीट पर अभी उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया गया है क्योंकि यहां पर दूसरे चरण में वोटिंग कराई जानी है. पिछले चुनाव में क्या रहा परिणाम 2020 के विधानसभा चुनाव में बाजपट्टी विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. महागठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल ने मुकेश कुमार यादव को खड़ा किया तो एनडीए की ओर से डॉक्टर रंजू गीता को मैदान में उतारा. दोनों के बीच मुकाबला कड़ा रहा. हार-जीत का अंतर बेहद कम रहा, और महज 2,704 मतों के अंतर से मुकेश यादव को जीत मिली थी. तब के चुनाव में इस सीट पर कुल 2,98,302 वोटर्स थे जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,58,452 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 1,39,850 थी, इसमें से करीब 60 फीसदी यानी 1,76,336 वोटर्स ने वोट डाले. 2020 में जीत की हैट्रिक से चूक गई जेडीयू बाजपट्टी विधानसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. परिसीमन की सिफारिश के बाद साल 2008 में यह सीट अस्तित्व में आई. फिर 2010 में यहां पर पहली बार विधानसभा के लिए चुनाव कराया गया. इस चुनाव में जनता दल यूनाइटेड की रंजू गीता को जीत हासिल हुई थी. रंजू ने 2015 के चुनाव में भी अपने जीत के सिलसिले को बनाए रखा था. वह जेडीयू के टिकट पर ही मैदान में उतरीं तब पार्टी बीजेपी के साथ नहीं थी , साथ में राष्ट्रीय जनता दल थी. 2020 के चुनाव में जेडीयू एनडीए के साथ आ गई थी और पार्टी के टिकट पर रंजू गीता अपनी जीत की हैट्रिक लगाने के इरादे से मैदान में उतरी थीं, लेकिन इस बार उन्हें नाकामी हाथ लगी. आरजेडी ने मुकेश कुमार यादव को यहां से खड़ा किया और कड़े संघर्ष के बाद वह जीत हासिल करने में कामयाब रहे. बिहार की राजनीति में सीतामढ़ी अहम बाजपट्टी विधानसभा सीट सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र में पड़ती है. हिंदू पौराणिक मान्यताओं के आधार पर सीतामढ़ी एक पवित्र स्थल है और यहां सीताजी का जन्म हुआ था. परिसीमन के बाद बाजपट्टी सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई थी. बाजपट्टी सीट का निर्माण बाजपट्टी और बोखरा सामुदायिक विकास खंड, के साथ-साथ नानपुर सीडी ब्लॉक के बिरार, भदियान, जानीपुर, बहेरा जाहिदपुर, डोरपुर, मझौर, रसूलगंज उर्फ कोइली, नानपुर उत्तरी, नानपुर दक्षिणी, दादरी, सिरसी और गौरी ग्राम पंचायत को शामिल करके बनाया गया है. राजनीति के लिहाज से बिहार का सीतामढ़ी जिला भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के लिए अहम जिला है. 2020 के चुनाव में एनडीए को 8 सीटों में से 6 पर जीत मिली थी. जबकि बाजपट्टी समेत 2 सीट ही महागठबंधन के खाते में आ पाई थी. अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव में क्या जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय जनता दल के हाथों अपनी पिछली हार का बदला ले पाती है या नहीं. Share