हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामला तूल पकड़ता जा रहा है. उन्होंने 7 अक्टूबर को आत्महत्या की थी और तभी से उनके शव को चंडीगढ़ के सेक्टर 16 स्थित सरकारी मेडिकल सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (GMSH) के मोर्चरी में रखा गया था. उनके परिवार वाले पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी नहीं थे. शुक्रवार रात को हरियाणा की होम सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा और पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार के बीच बातचीत हुई और करीब एक घंटे तक चली मीटिंग के बाद पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम करने पर सहमति बनी.
इसके बाद शनिवार सुबह को उनके शव को चंडीगढ़ के PGI ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल बोर्ड पर पोस्टमार्टम होगा और फिर उनका अंतिम संस्कार किया जा सकता है. हालांकि, दूसरी तरफ IPS वाई पूरन कुमार की IAS पत्नी अमनीत पी कुमार के भाई और पंजाब के भटिंडा रुरल से आम आदमी पार्टी विधायक अमित रतन ने बयान देते हुए कहा कि हमारी मर्जी के खिलाफ पूरन कुमरा के शव को चंडीगढ़ पीजीआई ले जाया गया. उनका कहना है कि पोस्टमार्टम करवाने की जबरन कोशिश की जा रही है. उनके बयान के मुताबिक IPS वाई पूरन कुमार के पोस्टमार्टम करवाने पर अभी भी परिवार और चंडीगढ़ पुलिस के बीच सहमति नहीं बनी है.
पोस्टमार्टम करवाने पर नहीं बनी सहमति?
बताया जा रहा है कि परिवार ने अब तक चंडीगढ़ पुलिस को पोस्टमार्टम करवाने की रजामंदी को लेकर कागजात पर साइन करके नहीं दिए हैं. परिवार अभी भी अपनी उसी मांग पर कायम है कि एफआईआर में संशोधन करके आरोपियों के कॉलम में उन सभी सीनियर अफसरों के नाम लिखे जाएं ,जिनके बारे में वाई पूरन कुमार अपने सुसाइड नोट में आरोप लगाकर गए हैं. मृतक पूरन कुमार की पत्नी की तीन मांगे हैं. पहली ये कि मामले में जो FIR दर्ज की गई है. उसे करेक्ट किया जाए. दूसरी ये कि DGP और SP को हटाया जाए और तीसरी मांग उनकी DGP और SP को गिरफ्तार करने की है.
SIT टीम करेगी मामले की जांच
इस केस में चंडीगढ़ पुलिस ने एक SIT टीम का गठन भी किया है, जो इस केस की जांच करेगी. आईजी चंडीगढ़ पुष्पेंद्र कुमार की अध्यक्षता में इस टीम का गठन किया गया है. वहीं आईपीएस कंवरदीप कौर, आईपीएस केएम प्रियंका, डीएसपी चरणजीत सिंह विर्क, एसडीओपी गुरजीत कौर और इंस्पेक्टर जयवीर सिंह राणा इस टीम में शामिल हैं. आईपीएस वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में स्थित अपने मकान नंबर-116 में खुद को गोली मार ली थी, जिससे उनकी जान चली गई. आईपीएस वाई पूरन कुमार के सुसाइड की सूचना मिलते ही हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था.
घर के बेसमेंट में मारी थी खुद को गोली
वाई पूरन सिंह 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे. उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार भी हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी हैं. इस समय अमनीत पी कुमार विदेश सहयोग विभाग की आयुक्त एवं सचिव हैं. मंगलवार, 7 अक्टूबर को जिस वक्त उन्होंने अपने आप को गोली मारी थी. उस दौरान घर पर सिर्फ वह और उनकी बेटी ही मौजूद थी.दोपहर के समय वाई पूरन कुमार अपनी सर्विस रिवॉल्वर लेकर घर में बने बेसमेंट में गए और वहीं पर खुद को गोली मार ली. गोली की आवाज सुनकर बेटी जब बेसमेंट में पहुंची तो नजारा देख दंग रह गई. पिता वाई पूरन कुमार का शव खून से लथपथ पड़ा हुआ था.
9 पन्नों का सुसाइड हुआ था बरामद
उनके घर से एक 9 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ. इस नोट में वाई पूरन कुमार ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न, जातिगत भेदभाव, प्रशासनिक दबाव और अपमान के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने लिखा कि अगस्त 2020 से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. नोट में उन्होंने कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम लिखे, जिन पर उन्हें मानसिक रूप प्रताड़ित करने, झूठी शिकायतें लगाने और पद से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
पूरन कुमार की पत्नी आईएएस अधिकारी अमनीत पूरन कुमार ने घटना के बाद मुख्यमंत्री से मुलाकात कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की. इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने उनके बयान के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने (Abetment of Suicide) और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं के तहत 13 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया, जिनमें हरियाणा के डीजीपी और रोहतक एसपी जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं.