हमें बचाइए.. रूसी सेना में फंसे भारतीय युवाओं की पुकार, अब विदेश मंत्रालय ने दी चेतावनी विदेश By Nayan Datt On Sep 11, 2025 रूस-यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच दो भारतीय युवाओं ने दावा किया है कि उन्हे धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर युद्धभूमि में भेज दिया गया है. इन युवाओं का कहना है कि उनके साथ कम से कम 13 और भारतीय फंसे हुए हैं. इस खबर को द हिंदु ने सामने रखा, जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह मामले की जानकारी जुटा रहा है और रूस से इस विषय पर संपर्क में है. यह भी पढ़ें ईरान का बड़ा और हैरान करने वाला कदम! पाकिस्तान के बॉर्डर पर… Nov 14, 2025 PAK vs SL: श्रीलंकाई खिलाड़ियों के फैसले से PCB अध्यक्ष… Nov 13, 2025 इस खबर के आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान भी जारी किया गया है. चेतावनी दी है कि वे किसी भी हाल में रूसी सेना में भर्ती होने के ऑफर को स्वीकार न करें. कैसे पहुँचे युद्ध के मैदान तक? द हिंदु की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू के 22 वर्षीय सुमित शर्मा और पंजाब के गुरसेवक सिंह उन भारतीयों में शामिल हैं जो रूस के रास्ते यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में पहुँचे. सुमित शर्मा, जो मास्को स्टेट लिंग्विस्टिक यूनिवर्सिटी में भाषा कोर्स कर रहे थे, ने बताया कि उन्होंने कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए पार्ट-टाइम काम ढूँढना शुरू किया. एक महिला एजेंट ने उन्हें निर्माण कार्य का भरोसा दिया, लेकिन बाद में उनसे दस्तखत करवा कर सीधे रूसी सेना में भर्ती कर दिया गया. बिना किसी सैन्य प्रशिक्षण के उन्हें अगस्त 2024 में यूक्रेन के Selydove इलाके में भेज दिया गया. शर्मा का कहना है कि हमसे कहा गया था कि ये केवल काम है. अब हम पर निगरानी रखी जा रही है, बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा. कई साथी गायब हो गए हैं, हमें सुनने में आया कि कुछ युद्ध में मारे गए हैं. उन्होंने अपील की है उन्हें यहां से बाहर निकाला जाया. 15 भारतीय फँसे, कई लापता युवाओं के अनुसार, लगभग 15 भारतीय इस जाल में फँसे हैं. इनमें से चार का कोई पता नहीं चल रहा. गुरसेवक सिंह ने बताया कि राजस्थान का एक युवक, जो उनके साथ आया था, आगे की पोस्ट पर भेजा गया और पिछले चार दिनों से संपर्क में नहीं है. गौर करने वाली बात ये है कि अगस्त 2024 में रूसी दूतावास ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि अब भारतीयों को सेना में भर्ती नहीं किया जाएगा. इससे पहले जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मास्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक में यह मुद्दा उठाया था. इसके बावजूद द हिंदू की ताज़ा रिपोर्ट ने इस आश्वासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. विदेश मंत्रालय का जवाब इस खबर के बाद भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि वह मामले की जाँच कर रहा है और रूस के साथ लगातार संपर्क में है. मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि पिछले एक साल में कई बार एडवाइजरी जारी की गई है, जिनमें स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि किसी भी तरह के नौकरी के लालच में आकर रूसी सेना में न जाएँ. मंत्रालय ने लोगों से फिर अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध ऑफर से दूर रहें. Share