15 सितंबर की तारीख को आगे नहीं बढ़ाएगा वित्त मंत्रालय, ये है वजह व्यापार By Nayan Datt On Sep 10, 2025 वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक बड़ा रिमाइंडर जारी किया है जिसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर, 2025 है. इस तारीख को अब और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. सरकार ने पहले ही इस साल आईटीआर दाखिल करने की तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी थी ताकि करदाताओं को अपने टैक्स संबंधी काम पूरे करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. यह भी पढ़ें शेयर बाजार में हड़कंप! बिहार चुनाव नतीजों के बीच भारी… Nov 14, 2025 सोने की कीमतों पर ब्रेक! तेजी के बाद आया गिरावट का दौर,… Nov 13, 2025 लेकिन अब मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट नहीं होता, उनके लिए यह आखिरी मौका है. मंत्रालय का मानना है कि 45 दिन का विस्तार करदाताओं के लिए पर्याप्त समय है. इसलिए उम्मीद कम ही है कि सरकार इस बार तारीख में और कोई बदलाव करेगी. वित्त मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई करदाता इस निर्धारित समय में रिटर्न दाखिल करने में नाकाम रहता है, तो उन्हे लेट फीस या ब्याज देना पड़ सकता है. क्यों जरूरी है समय पर आयकर रिटर्न दाखिल करना? आयकर रिटर्न दाखिल करना भारत में एक महत्वपूर्ण कानूनी जिम्मेदारी है. यह न सिर्फ आपकी कमाई की जानकारी सरकार को देता है, बल्कि आपकी ओर से टैक्स भी सही समय पर जमा होता है. समय पर रिटर्न भरने से आप सरकार के जुर्माने और ब्याज से बच जाते हैं. इसके अलावा, रिटर्न दाखिल करने से टैक्स रिफंड पाने की प्रक्रिया भी जल्दी होती है. रिटर्न आपके वित्तीय रिकॉर्ड के रूप में काम करता है, जो ऋण लेने, वीजा प्राप्त करने और अन्य जरूरी कामों में मददगार होता है. सरकार 15 सितंबर की डेडलाइन पर सख्त ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, चार्टर्ड अकाउंटेंट ने बताया कि सरकार इस बार 15 सितंबर की अंतिम तारीख पर कायम रहेगी. पोर्टल की तकनीकी समस्याएं, डेटा मैचिंग में गड़बड़ी और फॉर्म जारी करने में हुई देरी के बावजूद भी सरकार डेडलाइन नहीं बढ़ाएगी.इसलिए आईटीआर दाखिल करने में देरी न करें और अपनी प्रक्रिया जल्द पूरा करें. अभी तक कितने करदाताओं ने रिटर्न दाखिल किया? आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अब तक लगभग 5 करोड़ रिटर्न दाखिल हो चुके हैं, जिनमें से करीब 4.7 करोड़ रिटर्न वेरिफाई और 3.4 करोड़ संसाधित हो चुके हैं. यह आंकड़े पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर हैं और यह दर्शाते हैं कि डिजिटल माध्यम से टैक्स दाखिल करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. देर से ITR दाखिल करने पर क्या होता है? यदि आप 15 सितंबर के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं, तो आपको विलंब शुल्क देना होगा. सामान्यतः यह शुल्क 5,000 रुपये तक हो सकता है, लेकिन यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से कम है तो विलंब शुल्क अधिकतम 1,000 रुपये तक सीमित रहेगा. इसके अलावा, बकाया टैक्स पर मासिक 1% का ब्याज भी देना पड़ता है. इसलिए समय पर रिटर्न दाखिल करना सबसे बेहतर विकल्प है. Share