UP-हरियाणा या पंजाब नहीं… इस राज्य के लोग देते हैं सबसे ज्यादा गाली; सर्वे में खुलासा दिल्ली/NCR By Nayan Datt On Jul 14, 2025 एक सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया कि दिल्ली के लोग सबसे ज्यादा गाली देते हैं. मां, बहन और बेटी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल दिल्ली में सबसे ज्यादा ज्यादा किया जाता है. गाली देने वाले राज्यों में न सिर्फ दिल्ली बल्कि पंजाब, हरियाणा के साथ और कई राज्यों के नाम शामिल हैं. सर्वे में सामने आया कि दिल्ली के लोगों के लिए गाली देना एक आदत बन गई है, जो बात-बात पर गाली देते हैं. यह भी पढ़ें बादलों का डेरा, बारिश… दिल्ली में आज कैसा रहेगा मौसम? इन 15… Jul 14, 2025 दिल्ली: तिलक नगर में डबल मर्डर, दो दोस्तों ने चाकू से… Jul 14, 2025 मां, बहन और बेटी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल न सिर्फ पुरुष बल्कि खुद महिलाएं और लड़कियां भी करती हैं. सर्वे के मुताबिक 30 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां गालियां देती हैं. हैरान कर देने वाली बात तो ये है कि लड़कियों के स्कूल और कॉलेजों में भी गाली देना आम है. 11 साल में 70 हजार लोगों पर सर्वे सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के फाउंडर और महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस डॉक्टर सुनील जागलान ने गाली बंद घर अभियान चलाया और उसी के तहत एक सर्वे किया. इस सर्वे में 11 साल में करीब 70 हजार लोगों को शामिल किया. इन लोगों में युवा, माता-पिता, टीचर, डॉक्टर, ऑटो ड्राइवर, स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट, पुलिसकर्मी, वकील, बिजनेसमैन, सफाईकर्मी, प्रोफेसर, पंचायत सदस्य शामिल थे. दिल्ली में सबसे ज्यादा लोग देते हैं गालियां सर्वे से जो आंकड़े निकलकर सामने आए उसके मुताबिक दिल्ली के 80 प्रतिशत लोग गाली देते हैं और ये देश का एक ऐसा राज्य है, जहां के लोग सबसे ज्यादा गाली देते हैं. दूसरे नंबर पंजाब का नाम आता है, जहां के 78 प्रतिशत लोग अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. गाली देने के आंकड़ों में बिहार और उत्तर प्रदेश का एक जैसा हाल है. यूपी और बिहार के 74 प्रतिशत लोग गाली देते हैं. ये हैं अलग-अलग राज्यों के आंकड़े वहीं राजस्थान के 68 प्रतिशत लोग, हरियाणा के 62 प्रतिशत लोग, महाराष्ट्र के 58 प्रतिशत लोग, गुजरात के 55 प्रतिशत लोग, मध्य प्रदेश के 48 प्रतिशत लोग, उत्तराखंड के 45 प्रतिशत लोग, कश्मीर के 15 प्रतिशत लोग गाली देते हैं यानी अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं. नॉर्थ ईस्ट और बाकी राज्यों के 20-30 प्रतिशत लोग गाली देते हैं. 2014 में शुरु किया था गाली बंद घर अभियान डॉक्टर सुनील जागलान कहते हैं कि गाली देना कोई संस्कार नहीं, बल्कि एक बीमारी है. जब बच्चा बड़ा हो रहा होता है और वह फोन पर या आसपास गाली सुनता है तो वह उसके दिमाग में बैठ जाती है. फिर वही उसकी आदत में शुमार हो जाती है. उन्होंने गाली बंद घर अभियान की शुरुआत साल 2014 में की थी. इस अभियान के तहत पूरे देश की 60 हजार से ज्यादा जगहों पर गाली बंद घर के चार्ट भी लगाए जा चुके हैं. आज उनका ये अभियान विश्व स्तर पर चर्चित हो गया है. Share