दूसरे की बाइक लॉक थी तो हटा नहीं पाया, थानेदार ने दुकानदार पर बरसाए थप्पड़, बेहोश हुआ तो सड़क पर घसीटा राजस्थान By Nayan Datt On Jun 30, 2025 राजस्थान के कोटा में पुलिस की बर्बरता की शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. एक थानेदार और पुलिसकर्मियों ने एक दुकानदार पर थप्पड़ों की बारिश कर दी. मारपीट से दुकानदार बेहोश हो गया तो आरोपी पुलिसकर्मी घसीटकर सड़क किनारे ले गए. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह भी पढ़ें कन्हैया लाल हत्याकांड: बेटे का दर्द कहा- फिल्म उदयपुर फाइल्स… Jul 11, 2025 बारिश में बह गया मोबाइल, घंटों पानी में ढूंढता रहा युवक;… Jul 10, 2025 यह घटना 29 मई 2025 की है, जब कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में थानाधिकारी पुष्पेंद्र बंसीवाल द्वारा एक दुकानदार रिजवान के साथ सरेआम मारपीट की गई. रिजवान पेशे से अलमारी बनाने का काम करता है. जिस दिन उसके साथ मारपीट हुई, वह अपनी दुकान पर ही मौजूद था. थानेदार ने थप्पड़ों की बारिश की बताया जा रहा है कि दुकान के बाहर किसी अन्य व्यक्ति की बाइक खड़ी थी. थानाधिकारी ने रिजवान से बाइक हटाने को कहा, लेकिन रिजवान ने बताया कि बाइक उसकी नहीं है और वह लॉक होने की वजह से बाइक को हटा भी नहीं सका. इसके बावजूद थानाधिकारी ने गुस्से में आकर बीच सड़क रिजवान को जोरदार कई थप्पड़ जड़ दिए. मौके पर मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने भी उसके साथ मारपीट की. मारपीट की वजह से रिजवान बेहोश होकर गिर पड़ा. रिजवान के अनुसार, कुछ दिन पहले ही उसके कान का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन पुलिस ने उसकी कोई बात नहीं सुनी. इस घटना के बाद उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और लोकायुक्त को शिकायत भेजी है, साथ ही कोर्ट में भी मामला दर्ज कराया है. क्या बोले पुलिस अफसर? थानाधिकारी पुष्पेंद्र बंसीवाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप जयंती के चलते इलाके में रैली होनी थी, जिस कारण दुकानों के बाहर से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि रिजवान ने उनके साथ बदसलूकी की, जिसके चलते उसे थाने ले जाया जा रहा था.हालांकि, वायरल हुए सीसीटीवी फुटेज में थानेदार और पुलिसकर्मियों द्वारा रिजवान की पिटाई स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैय कोटा की पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी डीएसपी राजेश टेलर को सौंपी है. यह घटना अब कोटा शहर में चर्चा का विषय बन गई है. स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है. Share