जेल में अतीक के बेटे का नया ठिकाना, फांसी घर की हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया; क्या है वजह? उत्तरप्रदेश By Nayan Datt On Jun 20, 2025 प्रयागराज की सेंट्रल नैनी जेल में बंद माफिया अतिक अहमद के बेटे अली अहमद की बैरक को जेल प्रशासन ने बदल दिया है. जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आने के बाद अब अली को सबसे अलग बनी हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया है. अली के पास तलाशी में कैश मिलने के बाद डीजी जेल की तरफ से की गई कार्रवाई के बाद अब जेल प्रशासन की नींद खुली है. यह भी पढ़ें कांवड़ रूट के ढाबों पर QR कोड जरूरी वाले आदेश को सुप्रीम… Jul 13, 2025 मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूला है… मुस्लिम लड़के से इश्क… Jul 13, 2025 यूपी की सबसे महफूज़ सेंट्रल नैनी जेल माना जाता है. माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद के पास जेल के अंदर नियमों के विपरीत 1100 रुपए कैश बरामद होने पर डीजी जेल ने संज्ञान लेते हुए हुए दो जेल कर्मियों को निलंबित कर जेल अधिकारियों को फटकार लगाई. इसके बाद जेल प्रशासन ने अली अहमद की जेल बदलने का फैसला किया है. अली अब नैनी जेल की ‘फांसी घर’ वाली हाई सिक्योरिटी सेल में उसे शिफ्ट कर दिया गया है. अली का नया ठिकाना फांसी घर की हाई सिक्योरिटी सेल अन्य बैरकों से काफी दूर और सुनसान होने की वजह से उस पर निगरानी और आसान होगी. बैरक के चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी लगे हैं, जबकि बाहर सुरक्षा कर्मियों का घेरा है. क्या है हाई सिक्योरिटी सेल और बैरक? केंद्रीय कारागार नैनी में बड़े अपराधियों को रखने के लिए हाई सिक्योरिटी सेल और हाई सिक्योरिटी बैरक की व्यवस्था है. हाई सिक्योरिटी सेल में 6-8 फीट के 12 कमरे हैं, जहां एक कमरे में एक बंदी को रखा जाता है. यह -एक अंडाकार सेल है, जिसमें हर कमरे एक-दूसरे के सामने पड़ते हैं. हाई सिक्योरिटी बैरक में लगभग 24 कमरे हैं. एक कमरे में तीन से चार बंदियों को रखे जाने की व्यवस्था होती है. हाई सिक्योरिटी बैरक में इस समय उग्रवादी, बांग्लादेशी पाकिस्तानी और पीओके के बंदियों को रखा गया है. हाई सिक्योरिटी सेल और हाई सिक्योरिटी बैरक में रहने वाले बंदियों को विशेष अवस्था पर ही सेल और बैरक से बाहर लाया जाता हैं. पकड़ी गई लापरवाही इस पूरे मामले में जेल प्रशासन की भारी लापरवाही की कलई उस वक्त खुली, जब डीजी जेल के ऑफिस स्टाफ ने सीसीटीवी मॉनिटरिंग में पाया कि अली से मिलने आए उसके वकील की मुलाकात के बाद अली जब बैरक में गया तो वह नोट गिन रहा था. पाया गया कि हेड वॉर्डन संजय द्विवेदी जो अली से मिलने आए वकील का पहले सामान चेक किया और फिर उसे अंदर जाने दिया. वकील ने अली से मुलाकात की, फिर जेब से 1100 रुपए निकालकर अली को पकड़ा दिए. इन्हीं नोट को गिनते तस्वीरें सीसीटीवी से पकड़ी गईं और लापरवाही उजागर हुई. डीआईजी जेल राजेश श्रीवास्तव की जांच में इसकी रिपोर्ट जैसे ही डीजी के पास गई जेल के हेड वार्डन संजय द्विवेदी और डिप्टी जेलर कांति देवी को सस्पेंड कर दिया गया. Share