मध्य प्रदेश: पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा को मंत्री की क्लीन चिट, बोले- उनके घर से कभी सोना, नकदी वाली कार नहीं निकली
आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व आरटीओ अधिकारी के खिलाफ जांच जारी है. लोकायुक्त की टीम की छापेमारी में पूर्व अधिाकरी के घर से अरबों की संपत्ति मिली थी. अब इसी को मामले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आगए हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि तलाशी अभियान के दौरान सौरभ शर्मा के घर से सोना और नकदी से भरा वाहन बाहर निकाला गया. वहीं, परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने भोपाल के मेंडोरा में एक कार में मिली नकदी और सोने के मामले में परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा को क्लीन चिट दे दी है.
मंत्री का यह बयान शर्मा के खिलाफ जांच के बीच आया है. सोमवार को सदन में एक सवाल का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि सोना और नकदी ले जाने वाली कार शर्मा के घर के बाहर से नहीं आई थी. लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना ने 19 और 20 दिसंबर को शर्मा के घर की तलाशी ली थी.
मंत्री ने क्या-क्या कहा?
मंत्री ने कहा कि तलाशी के दौरान वाहन दोनों जगहों में से किसी से भी बाहर नहीं निकला. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के विधायक लखन घनघोरिया ने सवाल में कहा कि तलाशी के दौरान शर्मा के घर से सोना और नकदी से भरा वाहन बाहर निकाला गया, क्योंकि लोकायुक्त ने इसकी अनदेखी की.
इसी को लेकर मंत्री ने आगे कहा कि लोकायुक्त के अधिकारियों ने कभी भी इसकी अनदेखी नहीं की. मंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग के बैरियरों पर जबरन वसूली की 8 शिकायतें पिछले तीन सालों में लोकायुक्त को मिली थीं, जिनकी जांच के बाद मामला दर्ज किया गया. उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग के मामले में सौरभ शर्मा, उनकी पत्नी दिव्या तिवारी और उनके साथियों शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौड़ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. वहीं, एक पुराने मामले में सुनील गौड़ नामक अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.
डायरी पर भी क्लीन चिट
वही परिवहन मंत्री ने कहा की सौरभ शर्मा के पास से भी डायरी नहीं मिली. ऐसे में बड़ा सवाल ये है की जब तीन एजेंसी जांच कर रही है तो फिर कैसे मंत्री क्लीन चिट दे सकते हैं. कांग्रेस ने इसका भी विरोध किया है.
क्या है पूरा मामला
मध्य प्रदेश के आरटीओ में कांस्टेबल रहे सौरभ शर्मा पर आय से कई गुना अधिक संपत्ति हासिल करने का आरोप है. लोकायुक्त की टीम ने 19 दिसंबर को परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा हिल्स स्थित घर और ऑफिस पर छापा मारा था. छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से जांच एजेंसियों को अरबों की संपत्ति या उससे जुड़े दस्तावेज मिले हैं. आरोप है कि उसके आवाज से सोने और नकदी से भरी गाड़ी मिली है. इसी के चलते सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर पर इस धांधली में सौरभ का साथ देने का आरोप है. चेतन की ही गाड़ी में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए नगद मिले थे. यह कार चेतन सिंह गौर के नाम पर पंजीकृत है. वहीं तीसरे आरोपी शरद जायसवाल को सौरभ का सहयोगी बताया जा रहा है. आरोप है कि शरद के जरिए ही सौरभ ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाया था.
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