हिंदू धर्म में भाई दूज के त्योहार का बहुत महत्व है. ये भाई-बहन के स्नेह का त्योहार है. इस त्योहार पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की ईश्वर से प्रार्थना करती हैं. भाई भी अपनी बहनों को उपहार और रक्षा का वचन देते हैं. भाई दूज का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. पहला होली के बाद और दूसरा दीपावली के बाद.
मान्यताओं के अनुसार…
होली भाई दूज का त्योहार हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भाइयों को तिलक लगाने के साथ-साथ भगवान गणेश की पूजा की करनी. इसके बाद यमदेव की भी पूजा करनी चाहिए. साथ ही कथा पाठ भी अवश्य ही करना चाहिए. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, होली भाई दूज के दिन कथा का पाठ करने से भाई-बहन में प्यार बना रहता है.
आज है होली भाई दूज
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 15 मार्च को दोपहर 2 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो चुकी है. इस तिथि का समापन आज, यानी 16 मार्च को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल होली भाई दूज का त्योहार आज मनाया जाएगा. आज शाम को 4 बजे तक भाई को तिलक लगाना अच्छा रहेगा.
होली भाई दूज कथा
कथा के अननुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यमलोक के देवता यमराज ने अपनी बहन यमुना (यमुना नदी) के घर जाकर तिलक लगवाया था. साथ ही भोजन भी किया था. तिलक लगवाने और भोजन करने के बाद यमराज ने अपनी बहन को आशीर्वाद देते हुए कथा था कि जो भी भाई इस दिन अपने बहन के घर जाकर तिलक लगवाएगा और भोजन करेगा उसको अकाल मृत्यु का डर नहीं होगा. माना जाता है कि तब से भाई अपने बहन के घर जाकर तिलक लगवाने लगे और भोजन करने लगे. तब से ही ये परंपरा शुरू हो गई.
दूसरी कथा
एक अन्य कथा के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को एक भाई अपनी बहन के घर तिलक लगवाने के लिए गया. उसने रास्ते में बहुत सी समस्याएं झेलीं. रास्ते में नदी, शेर और सांप मिले, जोकि उसके प्राण लेना चाहते थे. तब भाई ने उनसे ये वादा किया कि वो अपनी बहन के घर से तिलक लगवाकर आने के बाद अपने प्राण उपहार में दे देगा. इसके बाद वो अपनी बहन के घर पहुंच गया. भाई उदास था तो बहन ने उससे उसकी उदासी की वजह पूछी. जब बहन को पता चला तो उसने अपने भाई के प्राण बचाने की खातिर एक उपाय किया. उससे उसके भाई के प्राण बच गए. फिर भाई ने बहन को उसकी रक्षा करने का वचन दिया. तब से ही होली भाई दूज मनाया जाने लगा.
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