होली के दिन भारत से लेकर पाकिस्तान तक गुड न्यूज सुनने को मिल रही है. दोनों देशों के फॉरेक्स रिजर्व में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है. जहां एक ओर भारत के फॉरेक्स रिजर्व में साढ़े पांच महीने के बाद एक दिन में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की विदेशी दौलत में भी इजाफा देखने को मिला है.
आंकड़ों के अनुसार देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 15 अरब डॉलर से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. जिसके बाद देश की विदेशी दौलत 650 अरब डॉलर के पार चली गई है. जानकारों की मानें तो देश के विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा आगे भी देखने को मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश के फॉरेक्स रिजर्व कितनी तेजी देखने को मिली है.
देश के फॉरेक्स रिजर्व में रिकॉर्ड इजाफा
आरबीआई की वेबसाइट के अनुसार 7 मार्च को खत्म हुए समाप्त सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 15.27 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है. जिसके बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 653.966 अरब डॉलर हो गया है. इससे पहले वाले सप्ताह में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 1.78 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली थी और आंकड़ा 638.69 अरब डॉलर हो गया था. खास बात तो ये है कि देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब साढ़े 5 महीने के बाद एक दिन में इतना इजाफा देखने को मिला है. सितंबर 2024 के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.
गोल्ड रिजर्व में भी इजाफा
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 7 मार्च को खत्म हुए समाप्त सप्ताह में फॉरेन करेंसी असेट्स में 13.93 अरब डॉलर इजाफा होकर घटकर 557.28 अरब डॉलर हो गया है. पिछले हफ्ते असेट्स में 49.3 करोड़ डॉलर कीी गिरावट देखने को मिली थी और आंकड़ा कम होकर 543.35 अरब डॉलर रह गया था. वहीं दूसरी ओर गोल्ड रिजर्व में इजाफा देखने को मिला है. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड रिजर्व में 1.05 अरब डॉलर का इजाफा देखने को मिला है और आंकड़ा 74.32 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
पाकिस्तान के रिजर्व में भी इजाफा
7 मार्च, 2025 तक पाकिस्तान का कुल विदेशी भंडार 15.93 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 55 मिलियन डॉलर ज्यादा है. कमर्शियल बैंकों के भंडार में वृद्धि के कारण, बाहरी ऋण चुकौती के बावजूद भंडार में वृद्धि हुई है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के अनुसार, बाहरी ऋण भुगतान के कारण 152 मिलियन डॉलर की गिरावट के बाद, SBP के पास मौजूद विदेशी भंडार 11.10 बिलियन डॉलर था. कमर्शियल बैंकों के पास मौजूद शुद्ध विदेशी भंडार 206.7 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.83 बिलियन डॉलर हो गया.
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