गोवा में बीजेपी और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. विपक्ष के विधायक विजय सरदेसाई ने बीजेपी को घेरते हुए कहा है कि ये गोवा के भारतीयकरण की नई संस्कृति है. अब उनके इस बयान को लेकर बीजेपी ने पलटवार किया है. दरअसल, हाल ही में शिव जयंती के मौके पर प्रमोद सावंत ने शिवाजी महाराज को लेकर एक बयान दिया था, उनके इस बयान को लेकर कोंकणी लेखक उदय भेंब्रे ने कहा कि उनकी स्पीच में ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत किया गया. इसी को लेकर अब लेखक के घर पर बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया है.
बजरंग दल के लेखक के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी)के प्रमुख विजय सरदेसाई लेखक के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने बीजेपी को घेरा है. शनिवार को 87 वर्षीय लेखक और पूर्व विधायक और लेखक भेंब्रे से सरदेसाई ने मुलाकात की. इसी के बाद सरदेसाई ने आरोप लगाया कि बीजेपी गोवा में वही करना चाहती है जो वो उत्तर प्रदेश में करती है. जीएफपी नेता ने आरोप लगाया कि जो कोई भी और जो कुछ भी बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ होता है वो उसको शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं. सरदेसाई ने दावा किया, यह गोवा के भारतीयकरण की नई संस्कृति है, यह बुरा है.
क्यों आमने-सामने आए बीजेपी और विपक्ष
पिछले हफ्ते शिव जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक स्पीच दी थी और बताया था कि गोवा पूरी तरह से पुर्तगालियों के हाथ में नहीं था. इसी के बाद लेखक ने सीएम की स्पीच को लेकर एक वीडियो बनाई थी. लेखक ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिया था और गोवा के साथ उनके संबंधों को लेकर एक वीडियो शेयर की थी. इसी के बाद उनके बयान से आहत होकर बजरंग दल ने उनके मडगांव में मौजूद आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के बाद जीएफपी विधायक ने भेंब्रे से मुलाकात की थी.
बजरंग दल के उन के घर के बाहर प्रदर्शन करने पर सरदेसाई ने कहा कि “दादागिरी” करने की यह हरकत गलत थी और गोवा “बनाना रिपब्लिक” बन गया है. उन्होंने कहा, “मैं गोवावासियों से अपील करता हूं कि गोवा को यूपी, बिहार न बनने दें. यहां के लोगों को इतिहास का अध्ययन करने के बाद जो सोचते हैं उसे लिखने का अधिकार है. साथ ही उन्होंने कहा कि वो इस मामले पर खुली बहस करने के लिए भेंब्रे को बुला सकते हैं.
बीजेपी ने किया पलटवार
सरदेसाई के बयान पर गोवा में बीजेपी के प्रवक्ता गिरिराज पई वर्नेकर ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, जब विजय सरदेसाई मंत्री बने तो उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली. अब, वह गोवा के ‘भारतीयकरण’ के बारे में बात कर रहे हैं. पाखंड या पूरी बेशर्मी? क्या वह छत्रपति शिवाजी महाराज या उनकी सेना द्वारा महिलाओं के अपहरण के बारे में झूठ का समर्थन करते हैं? वह एक महान मराठा राजा के खिलाफ भेंब्रे के अपमान पर चुप क्यों हैं.
उन्होंने कहा, पुर्तगाली इतिहास, काफी हद तक हिंदुओं के खिलाफ पक्षपाती रहा है. सरदेसाई जैसे नेताओं के लिए सुसमाचार हो सकता है, लेकिन हिंदू प्रतीकों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. वोट के लिए हिंदू आस्था का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए.
छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में उनके बयान को लेकर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को दक्षिण गोवा के मडगांव शहर में भेंब्रे के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
लेखक ने वीडियो किया शेयर
हाल ही में शिव जयंती पर एक समारोह को संबोधित करते हुए, सीएम सावंत ने दावा किया था कि पुर्तगाली शासन के दौरान, शिवाजी महाराज ने गोवा के ज्यादातर लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने से बचाया था क्योंकि राज्य के अधिकांश हिस्सों पर शिवाजी का शासन था.
भेंब्रे ने अपने वीडियो में सावंत के दावे का खंडन किया और उन पर ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाया. बजरंग दल के गोवा संयोजक विराज देसाई ने दावा किया था कि भेंब्रे के वीडियो में उनकी बातों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है. हालांकि, भेंब्रे ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह अपने बयान पर कायम हैं.
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