महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का समापन
महाशिवरात्रि पर त्रिवेणी में भारत के रंगों का संगम
नेपाल से भी आए महाकुंभ में श्रद्धालु
अंतिम स्नान पर्व पर कोने-कोने से पहुंचे श्रद्धालु
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के लिए मध्यरात्रि से ही संगम पर भीड़
पश्चिम बंगाल से भी पवित्र स्नान के लिए आए श्रद्धालु
144 वर्षों के दुर्लभ संयोग का साक्षी बने श्रद्धालु
महाकुम्भ नगर- महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में झांझों की मधुर झंकार, पवित्र मंत्रोच्चार और भारत के विविध रंग एक-दूसरे में घुलमिल गए। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने इस पवित्र संगम स्थल पर डुबकी लगाकर महाकुम्भ के अंतिम दिन को यादगार बनाया। आखिरी शुभ स्नान होने के कारण, मध्यरात्रि से ही संगम के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। कुछ ने ‘ब्रह्म मुहूर्त’ में स्नान के लिए धैर्यपूर्वक इंतजार किया, तो कई ने निर्धारित समय से पहले ही स्नान कर लिया।
जहां वाहन की अनुमति खत्म हुई, वहां से पैदल चलकर संगम पहुंचे। इस अद्भुत समागम का हिस्सा बनना और खास तौर पर इस शुभ दिन पर, बेहद रोमांचक है।” चारों ने गंगा जल ले जाने के लिए भगवा रंग के कंटेनर भी साथ रखे थे। इनके अलावा, दुर्गापुर और कूचबिहार जैसे स्थानों से भी बंगाल के श्रद्धालु पहुंचे।
नेपाल से श्रद्धालुओं का उत्साह
इस मेले ने न केवल भारत के चारों कोनों से लोगों को आकर्षित किया, बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी श्रद्धालु आए। चार किशोरों मनीष मंडल, रब्बज मंडल, अर्जुन मंडल और दीपक साहनी ने अपने चाचा डोमी साहनी के साथ महाशिवरात्रि पर पवित्र डुबकी लगाई। सभी ने भगवान शिव की थीम वाली एकसमान ट्यूनिक पहनी थी और तीन युवाओं ने ‘महाकाल’ लिखा गमछा भी ओढ़ रखा था। साहनी ने बताया, “हम नेपाल के जनकपुर से हैं, जो माता सीता से जुड़ा स्थान है। हमारा शहर जाह्नवी मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है। स्नान के बाद हम अयोध्या में भगवान राम के दर्शन के लिए जाएंगे।” यह समूह जनकपुर से जयनगर तक गया, फिर भारतीय रेलवे की ट्रेन से प्रयागराज पहुंचा।
144 वर्षों के फैक्टर ने बढ़ाया उत्साह
कई श्रद्धालुओं ने कहा कि वे इस महाकुम्भ में ‘144 वर्षों’ के फैक्टर से आकर्षित हुए, जिसके चलते उन्होंने हर हाल में यहां आने का निर्णय लिया। कोई भी इस दुर्लभ क्षण का साक्षी बनने से खुद को रोक नहीं पाया। इसके लिए कर्नाटक, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने देश की लंबाई-चौड़ाई को कवर किया।श्रद्धालुओं के साथ साधु-संत, महामंडलेश्वर और देश-विदेश से आए भक्त संगम में पवित्र डुबकी लगाते नजर आए। इसके साथ ही सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम किए गए थे। महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पवित्र स्नान के लिए अद्भुत और दिव्य महाकुम्भ की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गईं। महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया। यातायात पूरी तरह सुचारू रहा और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। स्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करते दिखे।
महाशिवरात्रि पर अंतिम पवित्र स्नान के दौरान इस ऐतिहासिक क्षण को अपने मोबाइल कैमरे में कैद करने के लिए श्रद्धालुओं की उत्सुकता विशेष रही। हर व्यक्ति इस दिव्य अनुभूति को अपने कैमरे में सुरक्षित करने के लिए उत्साहित नजर आया। लोग स्नान के दौरान और स्नान के बाद सेल्फी से लेकर ग्रुप फोटोज लेते नजर आए। वहीं, तीर्थराज प्रयागराज में इन अद्भुत क्षणों को देश विदेश में बैठे अपने परिजनों को लाइव दिखाने की भी होड़ लगी रही।