जबलपुर में बरगी बांध के गेट खुले होने और पड़ोसी जिलों में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे नर्मदा के कई तटीय ग्रामों में लोग डरने लगे हैं। 16 सितंबर की सुबह तक बीते 24 घंटे में जिले में औसतन 69.2 मिमी अर्थात 2.72 इंच बारिश दर्ज की है। जिले में कई जगह ऐसी तस्वीर देखने मिली, जहां डूबे हुए पुलियों में ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पार करते दिखे, यहां बस और दोपहिया भी लोग निकालते दिखे।
मुंगवानी बरहटा मार्ग भी रहा बंद
मुंगवानी बरहटा मार्ग पर शेढ नदी के रिपटा पुल के ऊपर से पानी होने के कारण शनिवर को भी पुल डूबा रहा और आवागमन बंद रहा, लेकिन लोग जान जोखिम में डालकर पुल के उपर से गुजरते रहे। यहां से कतार लगाकर ग्रामीण, दो पहिया सहित बस चालक भी बसों को लेकर गुजरते रहे। प्रधानमंत्री सड़क मुगवानी बरहटा बेलखेडी राजमार्ग फोर लाइन से राज्य हाईवे जबलपुर को जोड़ती है। इस सड़क से करीब 100 गांवों के लोगों का आना जाना रहता है और यह मार्ग हर वर्ष डूब जाता है।
ग्रामीणों ने कहा कि अनेकों बार क्षेत्रवासी ऊंचा पुल बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन नहीं सुन रहा है। यह पुल जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। उसके बाद भी शासन ने न तो मरम्मत कराई न पुल को बंद कराया। बरहटा में अधिक वर्ष होने से तालाब ओवरफ्लो हो गया और ग्राम के मुडिया मोहल्ला व यादव मोहल्ला में घरों में पानी भर गया। यहां घुलन यादव सहित कई लोगों के घरों में तीन फीट तक पानी भरा रहा। इसी तरह ग्राम इमझिरा के पास बरांझ नदी पर बना रपटा पुल फिर डूबने से तेंदूखेड़ा से डोभी तक आवागमन बंद हो गया। यह रपटा पुल काफी नीचा है, जिससे बारिश के मौसम में कई बार मार्ग बाधित होता है, लेकिन प्रशासन इस रपटा पुल की ऊंचाई नहीं बढ़ा सका है।
सतधारा में भी नर्मदा उफान पर
नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ने से बरमान-सतधारा क्षेत्र में पुलिस प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। लोगों से नर्मदा में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सुरक्षित रहने और घाटों से दूरी बनाए रखने जागरूक किया। लोगों से कहा जा रहा है कि वह पुल पर रैलिंग के किनारे न जाएं। सुआतला थाना प्रभारी ने बताया कि केरपानी ग्राम की स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। नर्मदा के बढ़ते से जलस्तर से रेत और सीढ़ीघाट के बीच बना पुल डूबने की संभावना बढ़ गई है। यह पुल पूर्व में भी डूब चुका है।
बारिश से बीते वर्ष का रिकार्ड टूटा
नरसिंहपुर जिले में एक जून से 16 सितंबर तक की अवधि में औसत रूप से कुल 1282.2 मिमी अर्थात 50.48 इंच वर्षा दर्ज की गयी है। इस वर्ष बीते वर्ष का भी रिकार्ड टूट गया है। 16 सितंबर की सुबह तक बीते 24 घंटे में जिले में औसतन 69.2 मिमी अर्थात 2.72 इंच वर्षा दर्ज की गई है। इस दिन तहसील नरसिंहपुर में 48 मिमी, गाडरवारा में 83 मिमी, गोटेगांव में 15 मिमी, करेली में 16 मिमी और तेंदूखेड़ा में 139 मिमी वर्षा आंकी गई है।
अधीक्षक भू- अभिलेख से प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 सितंबर तक तहसील नरसिंहपुर में 1436 मिमी, गाडरवारा में 1294 मिमी, गोटेगांव में 1098 मिमी, करेली में 1404 मिमी और तेन्दूखेड़ा में 1179 मिमी वर्षा आंकी गई है। इसी अवधि में पिछले वर्ष जिले में औसतन 1214.80 मिमी अर्थात 47.83 इंच वर्षा हुई थी। इस अवधि में पिछले वर्ष तहसील नरसिंहपुर में 1183 मिमी, गाडरवारा में 1308 मिमी, गोटेगांव में 1111 मिमी, करेली में 1357 और तेन्दूखेड़ा में 1115 मिमी बारिश हुई थी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.