चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत के आर प्रगनानंदा को विश्व के नंबर एक खिलाड़ी नार्वे के मैग्नस कार्लसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही प्रगनानंदा के विश्व चैंपियन बनने का सपना चकनाचूर हो गया है। टाईब्रेक में पहले खेल में प्रगनानंदा हार गए थे। साथ ही उनकी वापसी मुश्किल हो गई थी। अगला गेम मैग्नेस कार्लसन ने ड्रॉ कराया और मैच जीत लिया। दोनों खिलाड़ियों के बीच क्लासिकल फॉर्मेट में दोनों मुकाबले ड्रॉ रहे थे। ऐसे में यह मुकाबला टाई ब्रेकर में जा पहुंचा।
प्रगनानंदा टाई ब्रेकर में हार गए
रैपिड फॉर्मेट में दो टाईब्रेकर गेम खेला गया। जिसमें दोनों खिलाड़ियों को 25 मिनट का समय मिला। हर चाल के बाद खिलाड़ियों के पास दस सेकंड जुड़े। 47 चालों के बाद प्रगनानंदा को पहले टाई ब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा। दोनों के बीच आखिरी स्कोर मैग्नस कार्लसन 1.5 और प्रगनानंदा का 0.5 रहा।
7 साल की उम्र में जीती थी चैंपियनशिप
भारतीय शतरंज खिलाड़ी ने 2016 में सबसे कम उम्र के अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनकर इतिहास रचा था। उन्होंने फेडरेशन इंटरनेशनल डेस एचेक्स में खास उपाधि हासिल की। उन्होंने 7 साल की उम्र में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप जीती थी। साथ ही अंडर-10 टाइटल के साथ कई पुरस्कार जीते।
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