मथुरा में फिर से शोभा बढ़ाएंगे भगवान श्रीकृष्ण के पसंद के पेड़…योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी इजाजत
भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में एक बार फिर से उनके पसंद के पेड़ लहलहाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से इसके लिए परमिशन मांगी है। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में ‘प्राचीन वन क्षेत्र के पुनर्जन्म’ की योजना बनाई गई है इसके तहत योगी सरकार शहर में भगवान श्रीकृष्ण की पसंद वाले कदंब जैसे पेड़ लगाना चाहती है और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित ब्रज परिक्रमा क्षेत्र को वन लगाकर फिर से वैसा ही बनाना चाहती है।
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार की इस योजना को हरी झंडी मिल जाएगी, शहर में पेड़ लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा। दरअसल मथुरा का यह क्षेत्र ताज ट्रेपेज़ियम जोन (TTZ) में आता है और इस इलाके में किसी भी कार्य के लिए सुप्रीम कोर्ट की इजाजत जरूरी है इसलिए योगी सरकार को परमिशन मिलने का इंतजार है।
वन विभाग ने दी अर्जी
योगी सरकार के वन विभाग ने अर्जी में कहा कि वो एक पर्यावरण-पुनर्स्थापना अभियान शुरू करना चाहता है जिसमें देशी चौड़ी पत्ती वाली प्रजातियों का रोपण किया जाएगा। विशेष रूप से वह पेड़ जो भगवान कृष्ण के प्रिय माने जाते हैं. इनमें कदंब जैसी देशी प्रजातियों के अलावा तमाल, पीलू, बरगद, पीपल, पाखड़, मोलश्री, खिरानी, आम, अर्जुन, पलाश, बहेड़ा आदि प्रजातियां शामिल हैं। वन विभाग ने साथ ही इस इलाके में लगी आक्रामक विदेशी प्रजाति प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा को उखाड़ने की भी इजाजत मांगी है क्योंकि यह पेड़ पर्यावरण और जीव जंतुओं के लिए खतरनाक है।
धार्मिक दृष्टिकोण
योगी सरकार की ‘प्राचीन वन क्षेत्र के पुनर्जन्म’ की योजना धार्मिक दृष्टिकोण से शुरू की गई है। सरकार ने बताया कि हमारे धार्मिक ग्रंथों में इन वृक्षों का जिक्र है। सरकार के मुताबिक 48 वन 48 देवताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं और इसलिए ब्रज मंडल परिक्रमा में इनको लगाया जाएगा। सरकार के मुताबिक जिन वनों का जिक्र किया गया है उनमें से चार जंगल उसी नाम और उसी स्थान पर मौजूद हैं जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है। 37 शेष जगहों का भी पता लगा लिया गया है हालांकि 7 स्थानों की पहचान अभी की जा रही है जहां परिक्रमा क्षेत्र में वो वृक्ष हुआ करते थे। सरकार चाहती है कि एक बार फिर से मथुरा को भगवान श्रीकृष्ण के पसंदीदा पेड़ों से हरा-भरा किया जाए।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.