ग्वालियर: सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस पर्व पर हरे रंग का अधिक महत्व होता है। इसलिए इसे हरियाली तीज कहा जाता है। महिलाएं इस दिन हरे रंग की साड़ी, हरी चूड़ियां, आभूषण पहनती हैं। शिव, माता पार्वती के पुनर्मिलन की प्रतीक हरियाली तीज तीन शुभ संयोग में शनिवार को मनाई जाएगी। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य डा़ सतीश सोनी के अनुसार हरियाली तीज का त्यौहार बड़े ही आनंद के साथ मनाया जाता है। यह एक प्रकृति के साथ संबंधित महत्व का उत्सव है। जिसे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। यह विशेष मौका होता है। जब महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की पूजा आराधना कर सुखी दांपत्य जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं।
19 अगस्त को मनाई जाएगी हरियाली तीज
सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 18 अगस्त की रात 8:01 पर होगी। इसकी समाप्ति अगले दिन 19 अगस्त की रात 10:19 होगी। उदय तिथि की मान्यता के अनुसार हरियाली तीज 19 को मनाई जाएगी।
कुछ इस तरह से रहेंगे हरियाली तीज पर तीन शुभ संयोग
हरियाली तीज की सुबह से रात 9:19 तक सिद्धियोग रहेगा। इसके बाद साध्य योग वहीं रवि योग देर रात 1:40 से शुरू होकर 20 अगस्त सुबह 5:30 तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन फाल्गुनी नक्षत्र सुबह से प्रारंभ होकर रात 1:42 तक रहेगा। सिंह राशि में सूर्य बुधादित्य योग भी इस दिन होगा।
क्या महत्व है इस दिन हरे रंग का
डा़ सोनी ने बताया धार्मिक ग्रंथ में हरे रंग को बुध ग्रह का प्रतीक माना जाता है। हरा रंग धारण करने से बुध ग्रह मजबूत होता है। और संतान सुख की कामना पूरी होती है। मान्यता है हरियाली तीज के दिन अगर महिलाएं हरे रंग की चूड़ियां, साड़ी तथा आभूषण पहनती हैं तो पति की उम्र लंबी होती है।
हरे रंग का वैज्ञानिक कारण
हरे रंग को उर्वरा शक्ति का प्रतीक माना जाता है। सावन के महीने में मौसम के प्रभाव से वातावरण में नमी से कई तरह की बीमारियां फैलती है। आयुर्वेदिक में हरे रंग को कई तरह के रोगों के उपाय में कारगर माना गया है। यही कारण है कि इस दिन हरे रंग का श्रंगार किया जाता है।
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