भोपाल। भोपाल और इंदौर के बैंक आफ बड़ौदा के खाताधारकों के एटीएम का क्लोन बनाकर रुपये निकालने के मामले में भोपाल साइबर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उन्होंने दिल्ली से एक रोमानियन नागरिक आयोनेल मियु और ठाणे मुंबई निवासी फिरोज अहमद को गिरफ्तार किया है।
तीन एटीएम बूथों की साथी के साथ मिलकर रेकी की
आरोपित ने भोपाल आकर बैंक आफ बड़ौदा के तीन एटीएम बूथों की साथी के साथ मिलकर रेकी की और उसमें स्क्रीमिंग डिवाइस के साथ हिडन कैमरे फिट कर खाताधारकों की जानकारी चुराकर क्लोन तैयार कर लिए। दोनों ने भोपाल के ऐसे करीब 70 ग्राहक समेत अलग-अलग राज्यों के 200 खाताधारकों के खातों में सेंधमारी कर करीब 16 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है।
पुलिस ने 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले
करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस आरोपितों तक पहुंच पाई। उनकी गिरफ्तारी के लिए साइबर पुलिस करीब एक माह से दिल्ली में डेरा डाले हुए थी। खास बात यह कि जिन एटीएम कार्ड के क्लोन बने हैं, वह सभी पुराने थे। नए एटीएम कार्ड को यह डिवाइस रीड नहीं कर पा रही थी। मप्र के बाद अब आरोपितों के निशाने पर राजस्थान था।
कोहेफिजा निवासी शख्स ने की थी शिकायत
बता दें कि बीडीए कालोनी कोहेफिजा में रहने वाले 38 वर्षीय सैयद फारूक अली ने 10 जुलाई को साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत की थी कि उनके बैंक खाते से करीब 75 हजार रुपये निकाल लिए गए हैं। जबकि उन्होंने ऐसा कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया।
70 लोगों ने 20 से 25 हजार रुपये खाते से निकलने की शिकायत की
इसके बाद ऐसे ही करीब 70 लोगों ने 20 से 25 हजार रुपये खाते से निकलने की शिकायत साइबर क्राइम में की। मामले में एफआइआर दर्ज कर साक्ष्यों मिलने के बाद साइबर टीम जांच के लिए दिल्ली पहुंची थी। आरोपितों के पास से दो मोबाइल फोन, एक लैपटाप, तीन सिम कार्ड, चार एटीएम कार्ड, एक डिजिटल एमएसआर (एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने वाली मशीन), एक एटीएम स्क्रीमर डिवाइस, एक वीडियो रिकार्डिंग डिवाइस, एटीएम माड्यूल बरामद किया गया है।
150 सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद आरोपितों तक पहुंची पुलिस
पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि जांच में सामने आया था शिकायतकर्ताओं के रुपये दिल्ली से निकाले जा रहे हैं। जिन एटीएम बूथ से रुपये निकाले जा रहे थे, वह बैंक आफ बड़ौदा के ही थे और दिल्ली के वीआइपी इलाकों में लगे थे। ऐसे करीब 25 से ज्यादा एटीएम बूथ के सीसीटीवी के साथ डेढ़ सौ फुटेज साइबर टीम ने खंगाले। हर फुटेज में विदेशी नागरिक नजर आ रहा था। बाद में एक फुटेज में एक कार नजर आ गई, उसके नंबर से पुलिस रोमानियन नागरिक 50 वर्षीय आयोनेल मियु तक पहुंच गई। वह दिल्ली के मोहन मार्डन में रह रहा था। वह 12वीं तक पढ़ा हुआ है।
छह साल पहले भारत आया था, नशे का आदी
उसके साथ महाराष्ट्र मीरा रोड ठाणे का रहने वाले 38 वर्षीय फिरोज अहमद को भी गिरफ्तार किया है। आयोनेल मियु छह साल पहले भारत आया था और तब से फिरोज के ठाणे स्थित मकान में ही किराए से रह रहा था। बाद में दोनों अच्छे दोस्त हो गए थे। आयोनेल मियु नशे का आदी है और वह महंगा नशा करता है। वह एक बार में 50 से 60 हजार की कोकीन पी जाता है। वह अपनी मौजमस्ती के लिए ही वारदात कर रहा था।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
आरोपित ने भोपाल आकर बैंक बड़ौदा के एटीएम बूथों की रेकी की। फिर सुनसान स्थान पर लगे बूथ में स्क्रीमिंग डिवाइस के साथ हिडन कैमरे फिट किए। इसके जरिये उन्होंने डाटा चुराया। इसके बाद वह पुराने गिफ्ट कार्ड का इंतजाम करते थे। इसमें चुराए गए खाताधारक का डाटा डिजिटल एमएसआर (एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करने वाली मशीन) से उसमें भर देते थे। इसमें आयोनेल मियू माहिर था। उसने रोमानिया में ही यह सब सीखा था। बाद में हिडन कैमरे की मदद से पिन नंबर हासिल कर लेते थे और फिर क्लोन कर बनाए नए एटीएम से बूथ में जाकर रुपये निकाल लेते थे।
एक माह भोपाल में ग्रामीण क्षेत्र में भी रुके
डीसीपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि रोमानियन नागरिक आयोनेल मियू जून में भोपाल आया था। इस दौरान रातीबड़ के ग्राम मैंडारा में आनलाइन एप का उपयोग कर वह होम स्टे में रुका था। उसे रुकवाने और कार का इंतजाम फिरोज ही करवाता था। वह अपने ही दस्तावेज उसके नाम के साथ लगाया करता था। आयोनेल मियु का पासपोर्ट और वीजा तो पुलिस के पास छह साल से जब्त है। मियु पर 2017 में दो साइबर अपराध मुंबई में दर्ज हैं। फिलहाल वह जमानत पर है।
भाषा के कारण पूछताछ में दिक्कत
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