खंडवा। खंडवा में दूध तलाई क्षेत्र स्थित दुग्धेश्वर महादेव मंदिर में प्रकृति स्वयं भगवान शिव का जलाभिषेक करती हुई नजर आती है। यह मंदिर श्रावण माह में श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां प्रतिदिन क्षेत्रवासियों सहित आसपास से भी श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।
श्रीदुग्धेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास
श्रीदुग्धेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास पांडवकालीन काल का माना जाता है। मंदिर के आसपास वर्षों पुरानी खंडित मूर्तियां रखी हुईं हैं, जो मंदिर के प्राचीन होने का प्रमाण देती है। यहां स्थित शिवलिंग स्वयं भू हैं। यह शिवलिंग कुंड में विराजित है और भूजल से भगवान शिव का अभिषेक निरंतर होता रहता है।
श्रीदुग्धेश्वर महादेव मंदिर की विशेषता
दूध तलाई के पास स्वयं-भू शिवलिंग होने के कारण श्रीदुग्धेश्वर महादेव मंदिर नाम पुकारा जाने लगा। मंदिर में भगवान श्रीगणेश, माता पार्वती, नंदीगण सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। मान्यता है कि मंदिर में दर्शन करने मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी हो जाती हैं।
यह शिव मंदिर वर्षों पुराना है। कुंड में स्थित यह शिवलिंग पत्थर की शिला पर स्वयं भू है। पूर्व में यह गोबर और कचरे में दबा था। मोगा परिवार के लड़कों ने यहां सफाई कराई तो शिवलिंग के साथ ही खंडित मूर्तियां भी निकलीं।इसके बाद जनसहयोग से यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। – मालती चौरे, सेवादार
अतिप्राचीन इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। मंदिर में आत्मिक शांति मिलती है। श्रावण माह में ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी इस प्राचीन मंदिर में दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। – रामप्यारी चौहान
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.