अनूपपुर (विनय शुक्ला): मध्य प्रदेश के सबसे धन वाले नगरीय निकायों में शुमार बिजुरी नगर पालिका परिषद में सामग्री खरीदी एवं निर्माण कार्यों में किए गए भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के साथ कूटरचित प्राक्कलन एवं मांग बनाकर जरूरत से ज्यादा और अनावश्यक सामग्री क्रय करके भुगतान किए जाने के संबंध में संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल की और से तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी मीना कोरी (meena kori anuppur) को प्रथम दृष्टया में दोषी पाए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बिजुरी नगरपालिका परिषद (nagar palika bijuri) में सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्यों के भुगतान में की जा रही अनियमितताओं के संबंध में विभिन्न स्तर से प्राप्त हो रही शिकायतों के संबंध में संचालक नगरीय प्रशासन भोपाल द्वारा 21 जून 2022 को सुरेश सेजकर अधीक्षण यंत्री की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया। जिसमें जांच प्रतिवेदन पेश करने के बाद उन्हें बर्खास्त करने के निर्देश दिए गए थे। जांच समिति की ओर से बिजुरी नगर पालिका का भ्रमण कर वित्तीय साल 2021-22 में क्रय से संबंधित उपलब्ध कराए गए आंशिक दस्तावेजों के आधार पर जांच हुई। जिसमें प्रतिवेदन संचालनालय में प्रस्तुत किया गया। जिसमें यह भी लेख किया गया है कि निर्माण कार्य से संबंधित नस्तियां भी गायब है एवं सप्लायर को ऑफलाइन पेमेंट किया गया है। जबकि शासन द्वारा जारी किए गए पत्र क्रम 4139 दिनांक 03 सितंबर 2019 के अनुसार समस्त नगरीय निकायों में कम्प्यूटराईज्ड प्रणाली लागू कर दी गई है। अतः समस्त भुगतान ई-नगरपालिका के माध्यम से ही होने चाहिए, जिससे ई-कैशबुक आटोमेटिक संधारित हो जाती है।
बिजुरी नगर पालिका का खाता नंबर 30096509320 भारतीय स्टेट बैंक में संचालित है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 23.74 करोड़ रुपए की निकासी दर्ज की गई है। जबकि नगर पालिका के ई-कैशबुक में 11.30 करोड़ दर्ज है। शेष राशि 12.44 करोड़ का भुगतान ऑफलाइन हुआ है, जो कि गंभीर वित्तीय अनियमितता के साथ-साथ राज्य शासन के आदेशों का स्पष्ट उल्लंघन है। इसी प्रकार हस्तलिखित कैशबुक 14 मार्च 2022 तक ही लिखी गई है। इसके बाद कैशबुक में भुगतान दर्ज नहीं किया गया है। कैशबुक में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल व्यय राशि रूपये 15.47 करोड दर्ज है, जोकि बैंक स्टेटमेंट के आधार पर 8.27 करोड़ रुपए कम है, जिसके अभिलेख भी निकाय में उपलब्ध नहीं है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 में वर्णित प्रावधानों का उल्लंघन कर कूटरचित प्राक्कलन एवं मांग बनाकर आवश्यकता से अधिक एवं अनावश्यक सामग्री क्रय कर भुगतान किया गया है। लगभग 7.27 करोड़ रुपए की सामग्री क्रय की गई है। Open Tender से बचने के लिए जानबूझकर 5.00 लाख रुपए से कम के क्रय आदेश जारी किए गए हैं और अपने चहेते सप्लायर या ठेकेदार को जरूरत से ज्यादा लाभ पहुंचाया गया है। पीआईसी द्वारा पारित किए गए ऐसे प्रस्तावों का उल्लेख किया गया है, जो मूल पंजी में दर्ज नहीं है। अधिकतर नस्तियां कम्प्यूटर ऑपरेटर के द्वारा बनाई एवं संधारित की गई है, जो कि संबंधित शाखा के लिपिक द्वारा संधारित कराई जानी चाहिए, जो कि कूटरचित एवं फर्जी भुगतान की संभावना को बल देता है।
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