भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता करते हुए साल की अंतिम बैठक में आतंकवाद, वैश्विक और समुद्री सुरक्षा का मसला उठाया, यूएनएससी की इस साल की आख़िरी बैठक थी, दिसंबर में भारत ने यूएनएससी की अध्यक्षता की है, इस बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, ”हमने शांति, सुरक्षा और समृद्धि के समर्थन में बात की, हम मानवता के साझे दुश्मन जैसे आतंकवाद के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने में कभी पीछे नहीं हटे.” ”हम जानते हैं कि जब हमने सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखी तो वो एक अरब 40 लाख लोग या मानवता के छठे हिस्से की आवाज़ थी.” उन्होंने यूएनएससी में सुधार की ज़रूरत पर बात करते हुए कहा, ”हम अच्छी तरह जानते हैं कि सुरक्षा परिषद में बदलाव वक़्त की ज़रूरत है. यह विश्वास हमारे कार्यकाल के बाद ही मज़बूत हुआ है.” ”इस कार्यकाल के बाद परिषद से बाहर जाने पर हम सहमत हैं कि जितना बदलाव का विरोध होगा उतना ही परिषद के फ़ैसले के अप्रासंगिक होने और विश्वसनीयता खोने का ख़तरा बढ़ जाएगा.” भारत की यूएन सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता 31दिसंबर को ख़त्म हो रही है, आयरलैंड, केन्या, मैक्सिको और नॉर्वे के राजनयिकों ने भी इस बैठक को संबोधित किया, इन देशों का भी दो साल का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है।