पीएम मोदी ने झूठी शान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाला? कांग्रेस ने इन 5 सवालों का मांगा जवाब
कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा पर तनाव की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक बार फिर निशाना साधा और सवाल किया कि उन्होंने अपनी झूठी शान की खातिर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाल दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से पांच सवाल पूछे और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की छवि चमकाने के जुनून और व्यक्ति केंद्रति कूटनीति की कीमत देश को चुकानी पड़ी है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘कुछ समय पहले आपने (मोदी ने) ‘इंच टूवार्ड्स माइल्स’ का नया नारा दिया जिसमें इंच का मतलब भारत-चीन था और माइल्स का मतलब ‘मिलेनियम ऑफ एक्सेप्शनल एनर्जी’ था।
आपके इस नारे के बाद चीन ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारे भूभाग के हजारों मील हथियाने लिए अपनी ‘एक्सेप्शनल एनर्जी’ (अद्भुत ऊर्जा) लगा दी। क्या आप स्वीकार करेंगे कि आपकी गलत परख की देश को भारी कीमन चुकानी पड़ी?” रमेश ने कहा, ‘‘अपने देश के भीतर अपनी छवि चमकाने के मकसद से अपनी व्यक्ति केंद्रित कूटनीति और दुनिया के प्रमुख नेताओं के साथ मजबूत रिश्तों की तस्वीर पेश करने में पूरी ताकत झोंक दी। आप अपने ‘मित्र’ शी चिनफिंग के साथ अहमदाबाद में झूले पर बैठे, बाली में हाथ मिलाया।”
इन सवालों के मांगे जवाब
उन्होंने प्रधानमंत्री से सवाल किया, ‘‘क्या आपकी व्यक्ति केंद्रित कूटनीति पूरी तरह से खोखली साबित नहीं हुई? क्या छवि चमकाने के प्रति आपका जो जुनून है वह राष्ट्रीय हित की कीमत पर नहीं होता है?” कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘क्या यह सच है कि 2015 में आपने सेना के तीनों अंगों के शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि चीन भारत के लिए सैन्य खतरा नहीं है? क्या इससे यह बात साबित नहीं होती कि सभी उपलब्ध साक्ष्य के बावजूद आप भ्रम और अतिआत्मविश्वास से घिरे हुए हैं?”
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2020 की शुरुआत में चीन ने जो अतिक्रमण किया वो सकते में डालने वाला रणनीतिक कदम था जिसके लिए हम तैयार नहीं थे। इसका आखिरी बार सामना कारगिल के समय हुआ था जब भाजपा की सरकार थी। ऐसा क्यों होता है कि जब भी ऐसी हैरान करने वाली गतिविधियां होती हैं तो उसकी शिकार भाजपा होती है जो राष्ट्रवाद का दम भरती है? हम चीन के इस कदम का लेखाजोखा कब रखेंगे जैसा कि कारगिल युद्ध के बाद था?” उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या यह बेहतर नहीं होता कि आप अंतरराष्ट्रीय मत को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते?
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाला
आपने अपनी झूठी शान की खातिर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में क्यों डाल दिया?” पिछले दिनों विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा था, ‘‘यदि चीन के प्रति भारत का रुख उदासीन होता तो सीमा पर सेना को किसने भेजा?, हम चीन पर सैनिकों की वापसी के लिए दबाव क्यों बनाते और हम सार्वजनिक रूप से क्यों कहते कि हमारे संबंध सामान्य नहीं हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि देश के जवान यांगत्से में 13 हजार फुट की ऊंचाई पर डटे हैं और सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं।
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