दिल्ली समेत देश के उत्तरी मैदानी हिस्सों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बहुत घना कोहरा छाया रहा। राष्ट्रीय राजधानी में दृश्यता घटकर 25 मीटर तक रह गई और यातायात भी प्रभावित हुआ। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, बहुत घना कोहरा तब कहा जाता है जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है, 51 से 200 मीटर के बीच दृश्यता को घना कोहरा, 201 से 500 को मध्यम और 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता को हल्का कोहरा कहा जाता है।
मौसम विभाग ने सोमवार को अनुमान जताया था कि सिंधु-गंगा के मैदानी हिस्सों यानि उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में अगले पांच दिन ‘‘घने से बहुत घना कोहरा” छाया रह सकता है जिससे ट्रेनों तथा उड़ानों को रद्द किया जा सकता है या उनके मार्ग में परिवर्तन किया जा सकता है। उपग्रह से ली गई तस्वीरों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और उत्तर प्रदेश में कोहरे की मोटी परत दिखी। IMD के एक अधिकारी ने बताया कि पालम हवाई अड्डे पर दृश्यता घटकर 25 मीटर तक रह गई और सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता 50 मीटर तक रह गई।
मौसम विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा था, ‘‘सिंधु-गंगा के मैदानी हिस्सों में निचले क्षोभमंडलीय स्तर पर नमी और हल्की हवा चलने के कारण पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिन रात/सुबह के समय घने से बहुत घना कोहरा छाए रहने की संभावना है।” IMD ने एक परामर्श जारी करते हुए कहा कि राजमार्गों पर वाहन चलाने में मुश्किलों के कारण वाहनों के बीच टक्कर होने की आशंका है। मौसम विभाग ने कहा कि लंबे समय तक कोहरे के संपर्क में रहने से गले में खराश, खांसी और अस्थमा से पीड़ित लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इससे आंखों में जलन या संक्रमण भी हो सकता है। उसने यात्रियों को लंबा सफर करने पर पानी तथा दवा जैसे जरूरी सामान साथ रखने की सलाह दी।
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