बिहार के सारण में ज़हरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है, सिविल सर्जन, छपरा और छपरा सदर हॉस्पिटल के रिकॉर्ड के मुताबिक़ अब तक छपरा में 33 और पटना के पीएमसीएच में रेफर किए गए तीन मरीज़ों की मौत हो गई है, इसके अलावा इशुआपुर और फोजी नामक जगह में कुल 7 मरीज़ मिले हैं, ये लोग ज़हरीली शराब पीकर घर में ही छुपे हुए थे और वहीं पर अपना इलाज करवा रहे थे, सिविल सर्जन और बाकी कई टीम इलाक़े के घर-घर जाकर जांच कर रही है, लोगों से अपील की जा रही है कि मौत की इतनी खबरें सुनने के बाद वो सावधानी बरतें, बिहार में छह साल पहले की गई शराबबंदी के बाद से ज़हरीली शराब से मरने वालों का ये अब तक का सबसे बड़ा मामला है, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में शराब की सप्लाई उत्तर प्रदेश और हरियाणा से हो रही है, “ज़्यादातर शराब यूपी और हरियाणा से आ रही है जहां बीजेपी सत्ता में है और वो कोई जांच नहीं कर रहे, हमें पता चला है नेता प्रतिपक्ष के घर से 108 कार्टन शराब मिली है.” इस बीच पुलिस ने दावा किया है कि शराब कारोबारियों से वो सख़्ती से निपट रही है, बिहार के सारण में ज़हरीली शराब से हुई मौतों के बाद पुलिस लगातार शराब बनाने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रही है, पुलिस का दावा है कि पिछले 24 घंटों में उन्होंने ज़िले से 87 लोगों को गिरफ़्तार किया है, पुलिस के मुताबिक़ उन्होंने 61 लीटर शराब बरामद की है, 30 शराब की भट्टियों को नष्ट किया है और 13,000 लीटर आधी बनी शराब को नष्ट किया है, सारण के पुलिस कार्यालय से जारी एक प्रेस रिलीज़ में बताया गया कि पिछले 72 घंटों में 213 लोगों की गिरफ़्तारियां हुई हैं और 5,179 लीटर शराब बरामद की है।