जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि संभावना के बारे में अपने विचार जल्द ही बदलने पड़ेंगे। राजन ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शिरकत करने के बाद कहा था कि अगले साल अगर भारत की वृद्धि दर पांच प्रतिशत भी रहती है तो वह भाग्यशाली होगा। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में प्रतिकूल आर्थिक गतिविधियां होने से अगला साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुश्किल साबित होगा।
इस बारे में पूछे जाने पर शेखावत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में इस तरह के निराशावादी नजरिये की वजह खुद राजन ही बता सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई से लेकर विश्व बैंक तक तमाम बड़े संस्थान अगले साल भारत की वृद्धि दर सात से आठ प्रतिशत रहने का अनुमान जता रहे हैं। लेकिन अगर कोई व्यक्ति अलग राय रखता है तो अपने आकलन का आधार सिर्फ वही बता सकता है।
यह उनकी निजी राय हो सकती है।” इस मौके पर शेखावत ने कहा कि राजन ने एक समय मुद्रा योजना की वजह से फंसे कर्जों की संख्या में भारी वृद्धि की आशंका भी जताई थी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आज के समय में राजन को मुद्रा योजना के बारे में अपने विचार पर दोबारा गौर करना चाहिए। इसी तरह वह अगले तीन-चार साल में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने विचार भी बदलेंगे।”
इसके साथ ही उन्होंने विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों एवं नीतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि नवंबर में कुल निर्यात 10.97 प्रतिशत बढ़कर 58.22 अरब डॉलर हो गया। चीन के साथ व्यापार घाटे में हो रही बढ़ोतरी के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘देश चीन से कच्चे माल एवं कलपुर्जों का आयात कर रहा है और उसकी मदद से दूसरे देशों को तैयार माल का निर्यात कर रहा है। व्यापार घाटे को सिर्फ चीन के संदर्भ में नहीं बल्कि कुल आयात-निर्यात के रूप में देखा जाना चाहिए।”
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