भोपाल । शादी-विवाह का मुहूर्त शुरू हो चुका है। बैंड-बाजों ढोल-ढमाकों और शहनाइयों की आवाज सुनाई पडऩे लगी हैं। कहीं तैयारियां पूरी हो गई हैं तो कहीं तैयारी शुरू हो रही हैं। उत्साह के बीच महंगाई का करंट भी इस बार शादी-विवाह के सीजन में लगने की संभावना है। सम्पन्न वर्ग तो इसकी बहुत फिक्र नहीं कर रहा लेकिन मध्यम वर्ग के लोग अपनी जरूरतों को इस बार कम करने पर विचार कर रहे हैं।
इस वैवाहिक सीजन में बैंड-बाजा बाराती का स्वागत साज-सज्जा वस्त्र आभूषण आदि सभी तरह की चीजों के दाम बढ़े हुए हैं। यानी शादी के फेरे पूरे होने तक हर सामान में महंगाई का फेरा है। बात दूल्हा-दुल्हन के सजने-संवरने की हो या खाद्य सामग्री की सब महंगी हो गई है। विवाह की तैयारी करने वाले बता रहे हैं कि दो साल पहले के दामों से तुलना करें तो शादी-विवाह की सामग्रियों की कीमतों में इस बार 15 से 25 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हुई है। मध्यम वर्ग के बाराती और घरातियों को महंगाई के कारण जरूरतों में थोड़ा कटौती करना पड़ रही है।
लग्न और मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए बाजार भी तैयार हैं। बाजार में इस बार पहनावे से लेकर लुक को अलग अंदाज देने की कवायद शुरू हो चुकी है। हाईटेक सैलून हो या कपड़े की दुकान सभी जगह ग्राहकी बढऩे लगी है। दूल्हा-दुल्हन भी सबसे अलग दिखने के लिए पहनावा पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस सीजन में लग्न अपेक्षाकृत कम हैं। इस वजह से है कारोबारी चिंता में हैं। वस्त्र-आभूषण के कारोबार पर तो इससे बहुत फर्क नहीं पडऩा लेकिन कैटरिंग बैंड टेंट पार्लर-मेंहदी आदि के काम से जुड़े लोग दुविधा में हैं।
30 हजार तक की शेरवानी
समारोह को लेकर सोना-चांदी इलेक्ट्रानिक सामान वाहन आदि की खरीददारी भी जोरों पर है। रेडीमेड कारोबारी नीरज जैन का कहना है कि इस बार शेरवानी के दाम पांच हजार से 30 हजार तक हैं। इस बार की हाथ से काम वाली भागलपुरी सहित बनारसी और दिल्ली ब्रांड की शेरवानियों की विशेष मांग है।
जरीदार लहंगों की मांग ज्यादा
इसी तरह से दुल्हनों को भी जरीदार लहंगा खूब भा रहा है। दुल्हन के वस्त्रों का कारोबार करने वाले सुबोध गुप्ता कहते हैं कि दुल्हन रूप सज्जा के साथ ही अपने कपड़ों के माध्यम से अलग लुक हासिल करना चाह रही हैं। जरीदार लहंगों का चलन कुछ ज्यादा है। जरीदार लहंगा दिल्ली से लेकर बनारस सूरत जयपुर से मंगाया जा रहा है।
मेहंदी में भी डिमांड हटकर
शादी में मेंहदी का कार्यक्रम सबसे महत्वपूर्ण होता है। महंगाई के बावजूद लोग इस पर खर्च करते हैं। मेंहदी लगाने वाली अस्मिता दुबे कहती हैं कि इस बार दूल्हा और दुल्हन के लिए अनेक तरह की डिजाइन उपलब्ध हैं। दूल्हा और दुल्हन एक दूसरे की तस्वीरें व नाम भी हथेली पर रचवा रहे हैं। सैलून के संचालक लक्ष्मण श्रीवास ने बताया कि इस बार शादी के सीजन में मेहंदी से लेकर हेयर कलर तक अनेक वेरायटी उपलब्ध हैं। शौकीन लोग इनका उपयोग भी कर रहे हैं।
बैंड-बाजों के दाम 5000 तक बढ़े
बैंड कारोबारी मनोज ईश्वरी प्रसाद का कहना है कि महंगाई और खर्च को ध्यान में रखते हुए इस बार बैंड-बाजों के दाम पांच हजार रुपये तक तेज हैं। देश भर में ब्रास-बैंड का काम केवल जबलपुर में ही रह गया है। इसलिए शहर की इस पहचान को जिंदा रखने के लिए लोगों को थोड़ी महंगाई तो सहना पड़ेगी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.