लखनऊ: एसटीएफ आयुष निदेशालय के उन लोगों के विषय में जानकारी जुटा रही है जो विजय यादव के लगातार संपर्क में थे।यूपी एसटीएफ ने आयुष दाखिले में फर्जीवाड़ा करने में शामिल गाजीपुर जिले के भाजपा नेता विजय कुमार यादव और उसके भाई धर्मेन्द्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को बेहद गोपनीय तरीके से विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण रमाकान्त प्रसाद की कोर्ट में शुक्रवार को पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।विजय यादव भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश कोषाध्यक्षएसटीएफ सूत्रों के मुताबिक इन लोगों ने अपने समूह से जुड़े एक कालेज में दाखिला कराने के लिए अफसरों को महंगे गिफ्ट और रुपये दिये।एक बिचौलिये की मदद से वह लोग निदेशालय के अफसरों और कर्मचारियों से मिले थे।विजय और धर्मेन्द्र समेत पांच लोगों को एसटीएफ ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया था। पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया। विजय यादव भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश कोषाध्यक्ष है।वाराणसी, भदोही, गोरखपुर, गाजीपुर और मऊ के लोगों से हो रही पूछताछएसटीएफ वाराणसी, भदोही, गोरखपुर, गाजीपुर और मऊ से तीन कालेज प्रबन्धकों समेत पांच लोगों को उठाया था।जिसने लगातार पूछताछ के बाद एसटीएफ ने इनकी गिरफ्तारी की है। एसटीएफ ने निलम्बित निदेशक एसएन सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. उमाकांत यादव, वित्त लिपिक राजेश कुमार, वी-थ्री कम्पनी के कुलदीप वर्मा समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया था।इन लोगों रिमांड के दौरान इन लोगों के विषय में जानकारी दी थी। आधार पर कई कालेज के प्रबन्धक भी रडार पर आ गये थे।एयरपोर्ट जाते समय पकड़े गए दोनों, सहयोगियों की तलाशएसटीएफ सूत्रों के मुताबिक विजय कुमार का कृष्ण एंड सुदामा कम्पनी नाम से कालेज का एक ग्रुप है।वह उसी आयुष कालेज में अभ्यर्थियों का प्रवेश कराने के लिये अफसरों को महंगे गिफ्ट और रुपये देता था।इसकी पुष्टि होने पर ही एसटीएफ गुरुवार को गाजीपुर में दबिश दी थी। उसके बाद दोनों को वाराणसी जाने के दौरान एयरपोर्ट के पास से पकड़ा। अब इनसे जुड़े आयुष निदेशालय में अफसरों के विषय में जानकारी जुटाई जा रही है। जिन्होंने इनकी मदद की।एसटीएफ ने इनके जौनपुर से रिश्तेदार को पहले उठाया थाएसटीएफ ने आयुष फर्जीवाड़े में चार नवम्बर को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद ही पड़ताल तेज कर दी थी।दो दिन बाद ही एसटीएफ ने जौनपुर में कृष्ण कुमार यादव को पूछताछ के लिये उठाया था। कृष्ण कुमार का भी एक कालेज चलता है। कृष्ण कुमार को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। उस समय भी कई जानकारियां एसटीएफ को मिली थी।
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