आगरा: नकली इंस्पेक्टर बना दोस्त विवेक और अपहृत बालक रेदाननकली इंस्पेक्टर को साथ लेकर पिता ने अपने बेटे के अपहरण की साजिश रची थी। फिल्मों से आइडिया लेकर पिता अपहरण की तफ्तीश को डाकुओं के द्वारा किए जाने की ओर मोड़ना चाहता था। साथी की दाढ़ी ने पूरा मामला बिगाड़ दिया और वो पकड़े गए। पुलिस ने आरोपी पिता , उसके दोस्त और मां को जेल भेजा है।शुक्रवार को थाना पिढौरा के गोपालपुरा क्षेत्र में स्विफ्ट डिजायर कार से आए वर्दी धारियों ने शांति निकेतन स्कूल में पढ़ने वाले 4 साल के रेदान सिखरवार का अपहरण कर लिया था। बदमाशों ने चेकिंग के बहाने स्कूल वैन रोकी थी और बंदूक की नोक पर बच्चे को गाड़ी से उतार लिया था।पुलिस ने दोनों आरोपियों और वारदात में शामिल बच्चे की दादी को जेल भेजा हैगाड़ी रोकने वाले नकली इंस्पेक्टर की दाढ़ी देख लोगों को शक हो गया। लोगों को पता था की पुलिस कभी दाढ़ी नहीं रखती है। इसके चलते उन्होंने नकली इंस्पेक्टर और उसके साथ आए युवक को पकड़ लिया। इस दौरान दूसरी गाड़ी से लोग बच्चे को लेकर फरार हो गए थे। थाना पुलिस ने तत्काल पीछा कर फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद कस्बा से महिला को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।पूछताछ में पता चला की पकड़ा गया नकली इंस्पेक्टर विवेक त्रिपाठी पुत्र राम किशन निवासी कानपुर है। उसके साथ अपहृत बच्चे का पिता गौरव सिकरवार है। दोनों साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। गौरव की विनिता से 2017 में शादी हुई थी। 2020 में ग्रह कलेश के चलते विनीता ने उससे संबंध खत्म कर लिए थे और मायके रामनगर , पिढौरा में रहने लगी थी। दोनों के बीच परिवार न्यायालय में केस चल रहा है।बच्चा वापस मिलने के बाद विनीता काफी सहमी हुई हैबच्चे की चाहत में बनाया था प्लानपुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया की एक साल पहले उसने पत्नी के मायके से बेटे को ले जाने का प्रयास किया था, पर सफल नहीं हुआ था। मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं हुई थी। मैं और मेरी मां वंदना बच्चे के लिए परेशान थे। विनीता हमें उससे मिलने तक नहीं देती थी। इसलिए मैंने यह प्लान बनाया था। इसमें मेरे साथ मोहित, भूरी और कर्मवीर भी थे। मैने इन्हें 70 हजार रुपए में सौदा किया था।फिल्मों से आया आइडियापूछताछ में गौरव ने बताया की उसने अपहरण के लिए कई फिल्मों को देखा। इसके बाद उसके मन में विचार आया की पुलिस की वर्दी में अपहरण कर भागना आसान होगा और मामला खुलने पर बीहड़ के डाकुओं पर ही शक जायेगा। इसी कारण हमने यह प्लान बनाया था।बच्चे से लिपटी है मांअपहरण हुए मासूम रेदान की मां विनिता काफी डरी हुई है। शनिवार को बच्चे को स्कूल नहीं भेजा है। बच्चे को अपनी आंखों से दूर होते ही उसे डर लग रहा है। विनीता ने बताया की पति की इस तरह अपराधिक मानसिकता और झगड़े की वजह से हमें अलग होना पड़ा था।हर बार छिपी टोला की दुकानें बनती हैं वजहआरोपी गौरव ने बताया की उसने दस हजार रुपए में छिपी टोला वर्दी बाजार से एक इंस्पेक्टर और एक दरोगा की वर्दी खरीदी थी। हमें पता नहीं था की 3 स्टार इंस्पेक्टर होता है ,हम इसे सीओ की वर्दी समझ रहे थे। बाजार में वर्दी लेने पर हमसे कोई आईडी नहीं मांगी गई और न ही हमारा नंबर और एड्रेस नोट किया गया। पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया है, आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर दुकानदार के ऊपर भी कार्रवाई करने की पुलिस तैयारी कर रही है।छिपी टोला से कई बार अपराधियों द्वारा पुलिस और सेना की वर्दी खरीद कर अपराध में इस्तेमाल की गई हैं। यहां 5 हजार के अंदर वर्दी मिल जाती है। पूर्व में आर्मी ने यहां दुकानदारों को अभियान चलाकर किसी को वर्दी देने से पहले आईडी और अन्य प्रूफ लेने को कहा था पर दुकानदार नहीं माने हैं। कोई घटना होने पर कुछ दिन सख्ती होती है और बाद में फिर पहले की तरह का माहौल हो जाता है।सीओ पिनाहट अमरजीत सिंह के अनुसार तीनों को जेल भेजा गया है और इनके साथ आए तीन अन्य की तलाश की जा रही है। बच्चा सकुशल बरामद किया गया है और परिजनों के सपुर्द कर दिया है।
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