भोपाल गैस त्रासदी के खौफनाक 38 साल

भोपाल। आज से ठीक 38 साल पहले 2 और 3 दिसंबर 1984 की वो काली रात शायद ही दुनिया भुला पाए..जिसमें भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकली जहरीली गैस ने समूचे भोपाल शहर में कोहराम मचा दिया था। उस रात करीब पांच हजार लोग अनचाहे मौत के आगोश में समा गए थे। इनमें ज्यादातर वो लोग थे जो रात में सोए तो थे लेकिन उनकी सुबह कभी नहीं हुई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस भयावह गैस कांड में अब करीब 20 हजार से ज्यादा लोग काल-कवलित हो चुके हैं। इससे कहीं ज्यादा लोगों को तरह-तरह की बीमारियां लाचार बना चुकी हैं। इनकी रूह गैस कांड की उस काली रात को याद कर आज भी कांप उठती है।बताते हैं कि जो लोग इस त्रासदी में मरने से बच गए थे उनमें से हजारों लोग तो तिल-तिल कर मर गए और जो लोग बच गए हैं वे अपनी बीमारियों से मुक्ति के लिए आज भी अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। इस भयानक त्रासदी से सिर्फ उस समय की पीढिय़ों के लोग ही बीमार नहीं हुए बल्कि उसके बाद पैदा हुई पीढिय़ां भी उसके जहर से अछूती नहीं रही हैं। गैस पीडि़तों के लिए काम करने वाले संगठन की रचना ढींगरा बताती हैं कि इन बस्तियों में कई बच्चे जन्मजात विकृतियों के शिकार हैं। उनका आरोप है कि गैस प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को जहरीला और दूषित पानी पीने को मिल रहा है। यही कारण है कि गुर्दे फेफड़े दिल आंखों की बीमारी और कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।गैस पीडि़त बस्तियों में मुआयना करने पर पता चलता है कि गैस त्रासदी के बाद जिन बच्चों ने जन्म लिया उनमें से कई विकलांग-दिव्यांग पैदा हुए तो सैकड़ों बच्चे दूसरी लाइलाज बीमारी के साथ इस दुनिया में आए और अभी आ ही रहे हैं। 20वीं सदी की इस भीषणतम गैस त्रासदी के गुनहगारों को सजा दिलाने का मामला अभी भी कानूनी और प्रकारांतर राजनीतिक झमेलों में उलझा रहा है। गैस की मार बीमार लोग आज भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इस भीषणतम गैस त्रासदी का असली खलनायक आठ साल पहले ही गुमनाम स्थिति में काल के गाल में समा चुका है।– सरकार के सारे दावे फेल दूषित पानी पी रहे गैस पीड़ितगैस त्रासदी  के 38 साल बाद भी यहां के पीड़ित केमिकल युक्त दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। दूषित पानी की वजह से इनको कई गंभीर बीमारियों ने घेर रखा है। इसके साथ इनकी आगे की पीढ़ी भी केमिकल युक्त पानी पीने से कई गंभीर बीमारियों की शिकार हो रही है। इन्हें आज भी शुद्ध पानी की दरकार है।पैदा हो रहे हैं बीमार बच्चेजेपी नगर निवासी गैस पीड़ित रशीदा बताती हैं कि उनके तीन बच्चे हैं। जिसमें से दो बच्चे जब से पैदा हुए है़ तब से ही कई तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं‌। अकेली रशीदा ही नहीं ऐसे सैकड़ों पीड़ित हैं जिन्हें कई  गुर्दे फेफड़े आंखों की बीमारी और कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों ने जकड़ रखा है।गैस पीड़ित अस्पतालों की हालत खराबबताते हैं कि गैस त्रासदी प्रभावित लोगों के ताउम्र इलाज के लिए राजधानी में भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएचएमएआरसीद्ध) शाकिर अली कमला नेहरू सहित सहित तमाम स्वास्थ्य केंद्र खोल गए थे। लेकिन सरकार की अनदेखी के चलते ये अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। क्योंकि इन अस्पतालों में गैस पीड़ितों के इलाज के लिए न तो विशेषज्ञ डाक्टर हैं और न आवश्यक दवाईयां उपलब्ध हो रही हैं। ऐसी स्थिति में गैस त्रासदी के घाव लिए हजारों लोग अपने इलाज के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

क्या धारावी की जमीन के मालिक बन जाएंगे अडानी, जानिए असल कहानी?     |     EVM के इस्तेमाल की जिद क्यों? एलन मस्क की टिप्पणी के बाद अखिलेश यादव का सवाल     |     इंस्टा पर दोस्ती, होटल ले जाकर दोस्तों ने किया गंदा काम… सुसाइड से पहले युवक बता गया दर्द भरी दास्तां     |     तांत्रिक ने बीमारी ठीक करने का झांसा देकर महिला से किया दुष्कर्म     |     T20 World Cup: पाकिस्तान के बाहर होने पर सिद्धू ने खोली ICC की पोल, गावस्कर ने भी की खिंचाई     |     संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं…कभी भी गिर सकती है सरकार, स्पीकर पद को लेकर संजय राउत का बड़ा बयान     |     आयकर में दान पर टैक्स छूट के लिए फार्म 10बीई जरूर लें करदाता     |     राहुल गांधी ने छोड़ी वायनाड सीट तो प्रियंका गांधी होंगी उम्मीदवार! अगले तीन दिन में होगा फैसला     |     कोटा कोचिंग सेंटर में IIT की तैयारी करने वाले छात्र ने किया सुसाइड     |     उज्जैन से पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरू, CM मोहन यादव ने दिखाई हरी झंडी     |     लोहा फैक्ट्री में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, 40 घंटे में मलबा हटाया गया, एक इंजीनियर सहित चार मजदूरों की मौतलोहा फैक्ट्री में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, 40 घंटे में मलबा हटाया गया, एक इंजीनियर सहित चार मजदूरों की मौत     |     प्रयागराज: महाकुंभ में बच्ची को दी थी संन्यासी की दीक्षा, महंत अखाड़े से निष्कासित; बनाया था शिष्य     |     अहमदाबाद: क्लास में जाते समय 8 साल की बच्ची को आया हार्ट अटैक, स्कूल में ही हो गई मौत; CCTV में कैद हुई घटना     |     शाहरुख-सलमान के साथ काम कर चुके टीकू तलसानिया को आया हार्ट अटैक, एक्टर की हालत गंभीर     |     इमारतें खाक-11 मौतें, अरबों का नुकसान…कैलिफोर्निया की आग ने अमेरिका को हिलाकर रख दिया     |     पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान में लाया बारिश, दिल्ली-हरियाणा में भी IMD का अलर्ट, जानें अगले 2 दिनों का मौसम     |     कोई 23 घंटे तक कोई 8 घंटे…कोहरे ने रोक दी गाड़ियों की रफ्तार, बिहार-पंजाब जानें वाली कई ट्रेनें लेट     |     दिल्ली: तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को एम्स में कराया गया भर्ती, नाक की होगी सर्जरी     |     विधवा मां का संघर्ष देख बेटे ने उठाया बेबसी दूर करने का बीड़ा, ऐसे बदल रहा महिलाओं की जिंदगी     |     दोस्त बना कातिल! नहीं लौटाए उधार के पैसे तो महिला मित्र को चाकू से गोदा     |    

Pradesh Samna
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें