श्री स्वामीनारायण मंदिर भुज, गुजरात का निर्माण स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा किया गया हैं। इसे नीलकंठ वर्णी या स्वामीनारायण मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। यह स्वामीनारायण मन्दिर भुज गुजरात की बात की जाए तो यह पुरा संगमरमर से बना हुआ हैं साथ ही इसमें सोने की कारीगरी भी की गई हैं। इस मंदिर की चमक देखने योग्य हैं।भुज में स्वामीनारायण के दो मंदिर हैं। नया वाला मंदिर भी पुराने मंदिर के समीप ही स्थित हैं। इसमें भगवान स्वामीनारायण के साथ साथ अन्य मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं। भगवान स्वामीनारायण का जन्म 1781 ईस्वी मनुष्य रुप में हुआ था। स्वामीनारायण का जन्म स्थल छपिया (गोंडा) हैं। महज 11 वर्ष की आयु में इन्होंने संपूर्ण भारत में अपनी यात्रा शुरु कि जो 9 वर्षों तक चलती रही, स्वामीनारायण मंदिर की छत और स्तम्भ संगमरमर के पत्थरों से बने हुए हैं जबकि इसके दरवाजे सोने के बने हुए हैं। इस मंदिर की लंबाई और चौड़ाई की बात कि जाए तो यह लगभग 5 एकड़ में फैला हुआ है। इसके मुख्य गुम्बद के साथ 7 शिखर हैं। 25 छोटे गुम्बद है और संगमरमर के बने 258 खंभे है जिन पर बहुत बारीकी के साथ शानदार नक्काशी की गई हैं।भगवान स्वामीनारायण के अलावा इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्ति भी स्थापित की गई हैं।स्वामीनारायण मंदिर भुज गुजरात के बारे में कहा जाता हैं कि यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया हैं। ध्यान कक्ष का निर्माण भी किया गया हैं जो साधु संतों के लिए बनाया गया है। एक बहुत बड़ा हॉल बना हुआ हैं जिसमें एक साथ दो हजार से अधिक लोग बैठकर भोजन कर सकते हैं। भजन कीर्तन के लिए भी यह हॉल उपयुक्त हैं।स्वामीनारायण मंदिर को गुजरात के सबसे महंगे मंदिरों में गिना जाता हैं।