दिल्ली पुलिस ने सोमवार को न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के संस्थापक और संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और एम के वेणु के घरों की तलाशी ली, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘द वायर’, इसके संस्थापकों और संपादकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करवाया है, मुक़दमा न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ की उन रिपोर्टों के बाद दर्ज हुआ है जिनमें कहा गया था कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने 700 से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने के लिए मेटा में अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया था, हालांकि बाद में इन रिपोर्टों को वापिस ले लिया गया, मुक़दमे के संबंध में ही पुलिस तलाशी लेने पहुंची थी, पुलिस का कहना है कि अभियुक्तों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जाएगी और पुलिस जांच के संबंध में सबूत जमा करेगी, पुलिस ने अभी तक किसी को भी हिरासत में नहीं लिया है। एफ़आईआर में मालवीय ने ‘द वायर’ के संस्थापक संपादकों सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु के अलावा डिप्टी एडिटर और कार्यकारी न्यूज़ प्रोड्यूसर जाह्नवी सेन, ‘द वायर’ की मालिक संस्था ‘फ़ाउंडेशन फ़ॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज़्म’ और अन्य अज्ञात लोगों पर धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज़ पेश करने का आरोप लगाया था, अमित मालवीय का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मेटा ने इस रिपोर्ट को खारिज किया था. रिपोर्ट में फ़र्ज़ी दस्तावेजों का हवाला दिया गया था, दूसरी ओर ‘द वायर’ ने इस मामले में अपने ही एक पूर्व कन्सल्टेन्ट देवेश कुमार पर एक स्टोरी में मनगढ़ंत ब्यौरा पेश करने का आरोप लगाते हुए पुलिस से उनकी शिकायत की है, अक्टूबर में, ‘द वायर’ ने दावा किया था कि मेटा ने अपने एक्सचेक कार्यक्रम के जरिए अमित मालवीय को कुछ विशेषाधिकार दिए थे, जहां वे मेटा पर किसी भी ऐसे पोस्ट को हटा सकते थे जो उन्हें सरकार या बीजेपी के खिलाफ लगता था, ‘द वायर’ ने दावा किया था कि उनकी रिपोर्ट एक कथित मेटा इनसाइडर से सोर्स किए गए दस्तावेज पर आधारित थी, मेटा ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए दस्तावेज को फर्जी बताया था, ‘द वायर’ ने स्टोरी वापिस लेते हुए अपने पाठकों से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गलती के लिए माफी भी मांगी है।