कन्नौज: कन्नौज में दहेज हत्या के आरोप में मतका की ननद को भी 10 साल की सजा सुनाई गई है, जिसके साथ दो मासूम बच्चों को भी जेल जाना होगा।कन्नौज में दहेज हत्या के मामले में एडीजे कोर्ट ने मृतका के पति, सास और विवाहित ननद को 10-10 साल की सजा सुनाई है। जिस ननद को जेल की सजा सुनाई गई, उसके 2 मासूम बच्चे भी साथ थे, जिन्हें मां के साथ जेल भेज दिया गया।अब 5 साल की उम्र होने तक उन मासूम बच्चों को भी जेल में ही रहना पड़ेगा। इस मामले में मृतका के पति और सास को भी शनिवार को सजा सुनाकर जेल भेज दिया गया। जिला न्यायालय के अपर जिला जज प्रथम के न्यायालय में दहेज हत्या का एक मामला विचाराधीन था। इसकी सुनवाई पूरी होने पर जज विशम्बर प्रसाद ने मृतका की सास, ननद और पति को दोषी करार देते हुए 10-10 साल की सजा सुना दी।कन्नौज में दहेज हत्या के आरोप में मृतका की सास को भी सजा सुनाई गई है।कोर्ट परिसर में ही हिरासत में लियासजा सुनाते ही कोर्ट में मौजूद महिला और पुरूष पुलिसकर्मियों ने वृद्धा और उसके बेटे और बेटी को हिरासत में ले लिया। बेटी की गोद में उसके दो मासूम बेटे भी थे, जोकि मां के साथ जेल भेज दिए गए। बताया कि महिला नीरज के एक बेटे का नाम माधव है, जोकि 2 साल का है और दूसरे बेटे का नाम कन्हैया है, जोकि 4 साल का है। बच्चों को गोद में उठाए महिला भावुक होकर महिला सिपाहियों के साथ जेल पहुंची। वहीं अब उसके मासूम बेटों का भी ठिकाना होगा।कन्नौज में दहेज हत्या के आरोप में पति को 10 साल की सजा सुनाई गई है।लाठी लेकर निकली बुजुर्ग महिलामासूम बेटों के साथ जेल जाते वक्त महिला से भास्कर संवाददाता ने कारण पूछा तो उसकी आंखों में आंसू छलक आए। रुंधे गले से वह सिर्फ इतना ही बोल पाईं कि उसे और उसके मासूम बेटों को दहेज हत्या के मामले में जेल भेजा जा रहा है। महिला के पीछे ही उसकी बजुर्ग मां लाठी का सहारा लेकर चल रही थी, जिसे एक महिला कांस्टेबल पकड़कर जेल ले जाने के लिए कोर्ट परिसर में बाहर निकल रही थी। जब बुजुर्ग महिला की हालत देख कर उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि वह बीमार रहती हैं। बुजुर्ग हो चली है, इसके बाद भी उन्हें जेल भेजा जा रहा है। अब उनका ठिकाना जेल ही होगा, जहां जीवन का आखिरी वक्त गुजरेगा।यह है पूरा मामलाविशुनगढ थाना क्षेत्र के उस्मानपुर गांव निवासी मुकेश की शादी मई 2009 में मैनपुरी जिले के रूई गांव की रहने वाली 23 वर्षीय रिंकी के साथ हुई थी। शादी के 4 साल बाद 1 अगस्त 2013 को रिंकी घर से शौच के लिए खेतों की ओर गई थी और फिर वहां से लौटकर वापस घर नहीं पहुंची। मामले की सूचना रिंकी के मायके वालों को दी गई और फिर उसकी खोजबीन शुरू की गई।तालाब में मिला था शवतीसरे दिन महिला का शव गांव के ही एक तालाब में पड़ा मिला था। इस मामले में रिंकी के भाई रामकृष्ण पाल ने तहरीर देकर रिंकी के पति मुकेश, सास विद्यावती, ननद नीरज, गुडडी, अल्ली और पप्पी के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज करवा दी थी। विवेचना के दौरान ननद गुडडी, अल्ली और पप्पी को बरी कर दिया गया था, जबकि एक ननद नीरज के नाम केस चलता रहा। इस कारण रिंकी की हत्या मामले में उसकी सास विद्यावती, पति मुकेश और ननद नीरज को 10-10 साल की सजा सुना दी गई।कन्हैया 1 साल और माधव 3 साल जेल में गुजारेगाअपर शासकी अधिवक्ता फौजदारी तरूण चन्द्र ने बताया कि मां नीरज के साथ जेल भेजे गए उसके दो मासूम बेटों का लम्बा समय अब जेल में ही बीतेगा। जेल मैन्युअल के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु होने के कारण उनके बच्चे जेल में ही रहेंगे। जब उनकी उम्र पांच वर्ष से अधिक हो जाएगी तब वह परिजनों के साथ घर में रहे सकेंगे। इस हिसाब से नीरज के एक बेटे माधव की उम्र 2 वर्ष है तो उसे अगले 3 साल तक जेल में ही रहना होगा, जबकि बड़े बेटे कन्हैया की उम्र 4 साल है, लिहाजा वह 1 साल ही जेल में रहेगा।
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