चुनाव आयोग ने कहा है कि इमरान ख़ान ने सत्ता में रहते हुए जो तोहफ़े लिए थे, उसके बारे में अधिकारियों को गुमराह किया, इमरान ख़ान के वकील गौहर ख़ान ने बताया कि, “पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान ख़ान पर कदाचार में शामिल बताया है. हम इस फ़ैसले को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती देने जा रहे हैं.” इससे पहले चुनाव आयोग ने तोशा खाना मामले में अपना फैसला 19 सितंबर को सुरक्षित रखा था. इस संबंध में चुनाव आयोग ने इमरान खान समेत सभी पार्टियों को नोटिस जारी किया था, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की सरकार के गिरने के बाद मौजूदा गठबंधन सरकार के सदस्यों के अनुरोध पर नेशनल असेंबली के स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने चार अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 63 (2) के तहत चुनाव आयोग को इस मामले पर विचार करने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज़) के नेता बैरिस्टर मोहसिन नवाज रांझा ने संविधान के अनुच्छेद 63 (2) के तहत नेशनल असेंबली के स्पीकर को इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ ये मामला उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इमरान ख़ान ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उपहार लिए थे. उन्होंने चुनाव आयोग को दी गई अपनी संपत्ति की घोषणा में उनका खुलासा नहीं किया. इस तरह से ये ‘दुर्भावनापूर्ण’ है और इसलिए उन्हें संविधान के तहत चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।