डीसी आफिस तक पहुंची भ्रष्टाचार की जड़, सहायक से सांठ-गांठ करके लाेगों को मलाईदार जगह पर तैनात कराने आरोप
फरीदाबाद: परिवहन आयुक्त ने आरटीए को पत्र लिखकर रिपोर्ट देने का दिया है आदेश, संविदा पर कार्यरत थे कर्मचारी, निकाले जाने के बाद भी दी गई दोबारा तैनाती।जिला प्रशासन का मुखिया कहे जाने वाले डीसी आफिस तक भ्रष्टाचार की जड़ पहुंच गयी है। यह सुनकर अटपटा लग रहा होगा लेकिन यह हकीकत है। इसका खुलासा परिवहन आयुक्त द्वारा लिखे गए पत्र से हुआ है। संविदा पर लगे चतुर्थ श्रेणी के जिन कर्मचारियों काे किसी कारण से हटा दिया गया था, वह डीसी के निजी सहायक से सांठगांठ करके दोबारा मलाईदार जगह पर अपनी तैनाती करने में सफल रहे। परिवहन आयुक्त ने आरएटी को पत्र लिखकर तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।परिवहन आयुक्त चंडीगढ़ द्वारा आरटीए सचिव को लिखा गया पत्रपरिवहन आयुक्त चंडीगढ़ ने आरटीए को लिखे पत्र में कहा गया है कि आउटसोर्सिंग के जरिए कुछ कम्प्यूटर आपरेटर व चपरासी डीसी आफिस में लगे हैं। इनमें से कुछ कर्मचारियों को परिवहन आयुक्त के आदेश पर सेवा से हटाने का आदेश दिया गया था। इन्हें अगस्त 2020 में इनकी सेवाएं समाप्त् कर दी गई। लेकिन इनमें से तीन लोग नरेश, रामदास और नवल अभी भी आरटीए कार्यालय में कार्य कर रहे हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि आरटीए विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डीसी फरीदाबाद ने दस डाटा एंट्री आॅपरेटर इमरान खान, देवानंद, विजय, सुनील, अशोक, अमरेश, नरेश, देवेंद्र आदि को आरटीए कार्यालय से हटाकर एनआईसी भेजकर लिखा गया था कि उक्त सभी कर्मचारी दोबारा आरटीए कार्यालय में कार्य नहीं करेंगे। पत्र में साफ कहा गया है कि डाटा एंट्री आपरेटर सुनील, देवेंद्र, विजय व इमरान खान ने डीसी के निजी सहायक सुनील कुमार से सांठगांठ करके अपनी नियुक्ति दोबारा आरटीए कार्यालय में करा लिया है। इस संबंध मंे डीसी जितेंद्र यादव का कहना है कि मामला डेढ़ माह पुराना है। जानकारी होते ही डाटा एंट्री आपरेटरों को हटा दिया गया है। यदि कोई निजी सहायक के खिलाफ लिखित शिकायत देता है उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाएगा। वैसे हम नियमित 6 माह में डाटा एंट्री आपरेटरों को बदलते रहते हैं। गड़बड़ी कहीं भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रिपोर्ट आरटीए से मांगी गई है वह जवाब दे देंगे।
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