कराची । पाकिस्तान इन दिनों चौरतरफा मुसीबतों से घिरा हुआ है। देश के कई हिस्सों में बाढ़ की वजह से हालात बेकाबू हो गए हैं। पाकिस्तान की वाणिज्यिक राजधानी कराची भी भारी बारिश और बाढ़ की वजह से बेहाल है। शहर और गलियां पानी में डूबी हुई हैं। आलम यह है कि लोग जरूरी काम के लिए घर से नहीं निकल पा रहे हैं। शहर के आस-पास कई कच्चे मकानों के भी ढहने की खबर है।
सड़कों पर घुटने तक पानी जमा होने के कई वीडियो सोशल मीडिया वायरल हो रहे हैं। स्थानीय लोग पाकिस्तानी सरकार को बदहाली के लिए जमकर कोस रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह से बात की और मदद का प्रस्ताव दिया है। ईद-उल-अजहा के पहले दिन से हो रही बारिश ने पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी के पॉश इलाकों और मुख्य सड़कों को भी पानी से भर दिया है।
सिंध प्रांत की राजधानी कराची में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग कराची की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं और शहबाज व प्रांत सरकार पर निशाना साध रहे हैं। वहीं, पूर्व मंत्री और पीटीआई के वरिष्ठ नेता अली जैदी ने कुप्रबंधन और अव्यवस्था के लिए सिंध सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि कराची को तुरंत ‘आपदा प्रभावित शहर’ घोषित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कराची में कोई शासन नहीं है और सवाल किया कि पाकिस्तान आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीएमडीए) कहां है? पीपीपी की आलोचना करते हुए जैदी ने कहा कि वे सिंध में पिछले 15 साल से शासन कर रहे हैं और वे नाले भी साफ नहीं पाए। पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कराची का एक पॉश इलाका झील में बदल चुका है।
एक यूजर ने बाढ़ का वीडियो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा यह वेनिस नहीं कराची है बेहद ईमानदार, सक्षम और मेहनती’ पीपीपी ने कराची को वेनिस बना दिया है। लेकिन नफरत करने वाले इसे बाढ़ कहेंगे। दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में भारी बारिश और कई जगहों पर अचानक आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई। एक प्रांतीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी थी।
एजेंसी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा में रात भर हुई मूसलाधार बारिश में घरों की छतें गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। बाढ़ में बह गए दो शव मंगलवार को एक बांध के पास मिले। आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई लोग अब भी लापता हैं। जून से वर्षा से संबंधित घटनाओं में पाकिस्तान में 38 लोगों की जान जा चुकी है और 200 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
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