भरतपुर, सीकरी और कामां में इसी सत्र से खुलेंगे तीन नए कृषि काॅलेज, सरकार ने मंजूर किए 13 कराेड़ रुपए
भरतपुर: संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी हाे गया है।भरतपुर की लाइफ लाइन सरसाें में अनुसंधान काे बढ़ावा मिलेगा। इसी सत्र से जिले में भरतपुर, सीकरी और कामां में कृषि कालेज प्रारंभ हाेने जा रहे हैं। इसके लिए 13.44 कराेड़ रुपए मंजूर भी हाे गए हैं। सीकरी में 30 हैक्टेयर जमीन चिह्नित कर ली है, जबकि भरतपुर और कामां में जगह तलाशी जा रही है। भरतपुर के लिए गढ़ी सांवलदास गाैशाला और रुंध इकरन में जगह देखी है। शिक्षण कार्य इसी सत्र से प्रारंभ हाेगा। प्रत्येक कालेज में 64 सीटें है।कालेज अलाटमेंट का कार्य अगले सप्ताह से हाेगा। फिलहाल भरतपुर कृषि कालेज एमएसजे कालेज के यूनिवर्सिटी वाले कैंपस में, कामां का सिटी गर्ल्स स्कूल और सीकरी का भी निकटतम सरकारी स्कूल में संचालित हाेगा। भवन निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया अगले महीने प्रस्तावित है।संचालन साेसायटी एक्ट में हाेगा। संचालन उच्च शिक्षा आयुक्तालय के अधीन है। एमएसजे कालेज प्राचार्य डाॅ. परमजीतसिंह ने बताया कि भरतपुर कालेज की मानीटरिंग एमएसजे कालेज, कामां की कामां कालेज और सीकरी कृषि कालेज का नाेडल कालेज आरडी गर्ल्स कालेज काे बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि इन तीन कालेजाें के साथ भरतपुर में कृषि कालेज 5 हाे जाएंगे। कुम्हेर और भुसावर में पहले से कालेज संचालित है।सीकरी में 30 हैक्टेयर जमीन चिन्हित, भरतपुर और कामां में जगह की तलाशकृषि कॉलेज के लिए कामां और भरतपुर में जमीन की तलाश है। प्रत्येक कृषि कालेज के लिए डीन, एसाेसिएट प्राेफेसर 2, अस्सिटेंट प्राेफेसर 10, लायब्रेरियन, निजी सहायक 4, एकाउंटेंट, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक, फार्म मैनेजर, प्रयाेगशाला सहायक 3, कृषि पर्यवेक्षक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 4 पद स्वीकृत हुए हैं। इसके अलावा वाहन चालक एवं कम्प्यूटर आपरेट संविदा पर रखा जाएगा।देश में सबसे बड़ी सरसाें मंडी भरतपुर काे मिलेगा अनुसंधान का फायदा : कृषि कालेजाें में शिक्षण कार्य के अलावा प्रेक्टिकल वर्क के जरिए सीड उत्पादन और रिसर्च का काम भी हाेगा है। इससे भरतपुर के लाइफ लाइन सरसाें काराेबार काे फायदा हाेगा। भरतपुर सरसाें तेल की सबसे बड़ी मंडी है। बिहार, बंगाल, आसाम सहित कई राज्याें में जाता है।राष्ट्रीय सरसाें अनुसंधान निदेशालय द्वारा अब तक 273 किस्म विकसित की जा चुकी है। भाजपा किसान माेर्चा के जिलाध्यक्ष माेहन रारह ने कहा कि सरकार द्वारा देश काे खाद्य तेलाें में आत्मनिर्भर बनाने के लिए तिलहनी फसलाें के उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में भरतपुर की बड़ी भूमिका हाे सकती है। एेसे में भरतपुर में कृषि यूनिवर्सिटी खाेली जानी चाहिए। इस संबंध में गत दिनाें दिल्ली में उन्हाेंने कृषि मंत्री काे ज्ञापन भी दिया। उल्लेखनीय है कि भरतपुर में करीब 12 लाख टन सरसाें प्रतिवर्ष क्रशिंग हाेती है। सरसाें तेल उपयाेग जैल, लाेशन, लुब्रीकेंट में भी हाेने लगा है।
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